कोरोना वॉरियर्स के साथ सरकार की दगाबाजी, उम्र के आखिरी पड़ाव पर किया रोजी-रोटी के लिए मोहताज

कोरोना के खिलाफ जंग में कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने वाली आंगबानी कार्यकर्ताओं को सरकार की बेरुखी सड़क पर ले आई,बढ़ती उम्र और मंहगाई की मार झेल रही इन महिलाओं की बात ना सरकार सुन रही है और ना ही सिस्टम । अब ये अपने मासूम बच्चों के साथ आंदोलन करने पर मजबूर हैं।
कोरोना वॉरियर्स के साथ सरकार की दगाबाजी, उम्र के आखिरी पड़ाव पर किया रोजी-रोटी के लिए मोहताज
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राजस्थान में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का 9 सूत्री मांगों को लेकर विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। बुधवार को प्रदेश भर से जयपुर पहुंची महिला कार्यकर्ताओं ने विधानसभा का घेराव करने का प्रयास किया। इस दौरान बाईस गोदाम पर पुलिस ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को रोका। इसके बाद प्रदेश भर से पहुंची महिलाओं ने 22 गोदाम पर सरकार के खिलाफ धरना शुरू कर दिया।

<div class="paragraphs"><p>बांरा जिले से रिंकी अपने 2 साल के बच्चे सूर्या के साथ विरोध करने जयपुर पहुंचीं&nbsp;</p></div>

बांरा जिले से रिंकी अपने 2 साल के बच्चे सूर्या के साथ विरोध करने जयपुर पहुंचीं 

सरकार हमें जल्द से जल्द राज्य कर्मचारी घोषित करें

आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह सरकार हमें जल्द से जल्द राज्य कर्मचारी घोषित करे। इसके साथ ही हमें सरकारी कर्मचारियों की तरह मानदेय और पेंशन जैसी सुविधाएं भी मिलनी चाहिए। लेकिन सरकार ने हमारी मांगों को समय पर पूरा नहीं किया तो हम सरकार के खिलाफ काम का बहिष्कार करना शुरू कर देंगे।

<div class="paragraphs"><p><strong>सुशीला देवी की उम्र काफी हो गई है इस उम्र में अब और क्या ही काम करेगीं तो बस इसी आशा के साथ अपनी सहयोगी के साथ जयपुर आई हैं</strong></p></div>

सुशीला देवी की उम्र काफी हो गई है इस उम्र में अब और क्या ही काम करेगीं तो बस इसी आशा के साथ अपनी सहयोगी के साथ जयपुर आई हैं

जयपुर में राजस्थान सरकार के खिलाफ आंगबाड़ी कार्यकर्ताओं का हल्ला-बोल देखिए विडियो...

हमें दिहाड़ी मजदूरों से कम वेतन दे रही सरकार

सरकार हमें दिहाड़ी मजदूरों से कम वेतन दे रही है। ऐसे में महंगाई के इस दौर में घर चलाना मुश्किल हो गया है। ऑनलाइन शिक्षा के इस दौर में हम अपने बच्चों के लिए मोबाइल नहीं खरीद पा रहे हैं। न ही वे अपनी फीस जमा कर पा रहे हैं। सरकार सालों से हमारा वेतन नहीं बढ़ा रही है। वहीं आंगनबाडी कार्यकर्ता अस्पताल से लेकर जांच तक सभी जगह सरकार के लिए ड्यूटी देती है। सरकार हमारी ओर ध्यान नहीं दे रही है।

<div class="paragraphs"><p>दिव्यांग अनिता के दोनो पैर काम नहीं करते हैऔर पिछले 12 साल से आंगबाड़ी में काम कर रही हैं&nbsp;</p></div>

दिव्यांग अनिता के दोनो पैर काम नहीं करते हैऔर पिछले 12 साल से आंगबाड़ी में काम कर रही हैं 

आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की मुख्य मांग

  • आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को नियमित किया जाए।

  • आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार न्यूनतम वेतन दिया जाए।

  • एनटीटी व सुपरवाइजर की भर्ती में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को प्रोन्नति से हटाया जाए। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को योग्यता एवं अनुभव के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रशिक्षण को मिलाकर प्री-प्राइमरी शिक्षक बनाया जाए।

  • आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की सेवानिवृति आयु तब तक रखी जाए जब तक कि वे सक्षम न हों और आंगनबाडी कार्यकर्ता की सेवा के दौरान मृत्यु होने पर परिवार के सदस्यों को नौकरी दी जाए।

  • मिनी सेंटर को बड़ा सेंटर बनाया जाए।

  • आशा सहयोगिनी को आशा पर्यवेक्षक, ग्राम सहयोग से प्रचेता के रूप में पदोन्नत किया जाना चाहिए।

  • न्यूट्रिशन ट्रैकर और ओटीपी की वजह से आ रही दिक्कतों का समाधान किया जाए।

  • आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन देने पर पीएफ काटा जाए।

  • जब तक आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को नियमित नहीं किया जाता है, तब तक अन्य 10 राज्यों की तर्ज पर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की सेवा को ध्यान में रखते हुए सेवानिवृत्ति पर 3,00,000 रुपये की एकमुश्त राशि दी जानी चाहिए।

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