डेस्क न्यूज. रीट में पद को बढ़ाने की मांग बेरोजगार युवाओं द्वारा काफी लंबे समय से की जा रही है। बेरोजगार युवाओं का कहना है कि सरकार ने हमारी बात नहीं सुनी तो सरकार को 2023 में सबक सिखा देंगे। बता दें कि जयपुर के शहीद स्मारक पर चले 3 महीने तक के आंदोलन में विभिन्न तरह से सरकार को जगाने का प्रयास किया गया। लेकिन युवाओं को कोरोना गाइड लाइंस का हवाला देते हुए वहां से हटा दिया गया। लेकिन अब युवा सोशल मीडिया के साथ ही अपने-अपने क्षेक के विधायकों को घेर कर सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रहे है।
आज रीट के छात्रों ने बून्दी के विधायक अशोक डोगरा और पूर्व मंत्री हरिमोहन शर्मा का घेराव करके रीट में पद बढा कर 50 हजार करने की मांग की है। इसी के साथ युवाओं ने जिला कलेक्टर को भी ज्ञापन देकर अपनी मांग को आलाकमान तक पहुंचाने का प्रयास किया है।
जयपुर के शहीद स्मारक पर रीट में पद बढाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे छात्रों को कुछ दिन पहले पुलिस ने बल प्रयोग करके हटा दिया था। जिसका विडियो सोशल मीडिया वायरल हुआ। जिसके बाद एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर सरकार आ गई। लेकिन शहीद स्मारक से आंदोलन हटने के बाद लगातार युवा आपनी मांगो को अपने क्षेत्र के विधायको के सामने रख रहे है और सोशल मीडिया पर भी लगातार अपनी मांगों को उठा रहे है।
24 दिसंबर 2018 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 31 हजार पदों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा की घोषणा की थी, लेकिन उसके बाद कोरोना के चलते परीक्षा की तारीख तीन बार टालनी पड़ी, लेकिन जब दूसरी लहर का प्रकोप थोड़ा कम हुआ तो सरकार ने 26 सितंबर को इस बड़ी परीक्षा का आयोजन कराया। उस समय जब मुख्यमंत्री ने रीट के 31000 पद की घोषना की थी, उस समय इतने पद काफी थे लेकिन इस दौरान बड़ी सख्या में शिक्षक सेवानिवृत्त हुए हैं। स्कूल में शिक्षकों के ऊपर बोझ बढ़ा है।
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