Rajasthan: गैंगस्टर राजू ठेहट की गोली मारकर हत्या; हिस्ट्रीशीटर रोहित गोदारा ने ली गैंगवार की जिम्मेदारी!
गैंगस्टर राजू ठेहट की राजस्थान के सीकर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। बताया जा रहा है कि अज्ञात बदमाशों ने राजू ठेहट को घर के पास गोली मार दी। राजू ठेहट की आनंदपाल गैंग से दुश्मनी चल रही थी।
राजू ठेहट के अपराध की दुनिया छोड़कर राजनीति में आने की बात चल रही थी
सूचना पर पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। पुलिस ने पूरे जिले में बैरिकेडिंग कर दी है। राजू ठेहट को तीन गोली लगने की खबर है। हरियाणा और झुंझुनू की सीमाओं को सील कर दिया गया है। बता दें कि राजू ठेहट के अपराध की दुनिया छोड़कर राजनीति में आने की बात चल रही थी।
रोहित गोदारा ने ली राजू ठेठ की मौत की जिम्मेदारी
लोरेश गैंग के हिस्ट्रीशीटर रोहित गोदारा ने ली राजू ठेठ की मौत की जिम्मेदारी कहा आनंदपाल और बलवीर की हत्या का बदला लिया है।
सूत्रों के मुताबिक बदमाशों का मूवमेंट नीमकाथाना की तरफ था। हत्या के बाद वह नीमकाथाना होते हुए खेतड़ी चले गए और वहां गाड़ी बदल ली।
सीकर से आल्टो लेकर भागे बदमाश
सीकर से आल्टो लेकर भागा, खेतड़ी में आल्टो छोड़कर क्रेटा कार ली। इस दौरान भी उन्होंने फायरिंग की है। बदमाश उदयपुरावती से खेतड़ी थाना क्षेत्र के बबाई की ओर निकले थे। यहां पुलिस की नाकेबंदी के चलते बदमाश गाड़ी को पीछे मोड़कर भाग गए।
नीमकाथाना की ओर भाग आरोपी
इस दौरान तीन-चार अन्य वाहनों को सामने से आते देख उन्होंने फायरिंग कर दी और नीमकाथाना की ओर भाग खड़े हुए। जानकारी के अनुसार बबाई के पास एक खनन क्षेत्र है। जो हरियाणा और राजस्थान की सीमा से सटा हुआ है।
बदमाश हरियाणा भागने की फिराक में थे। क्रेटा गाड़ी का नंबर आरजे 45 सीएच 1786 बताया जा रहा है। पुलिस ने राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर को सील कर दिया है। टोल नाकों पर कुल 20 पुलिसकर्मियों की टीम तैनात की गई है।
राजू ठेहट ने 1995 में अपराध की दुनिया में एंट्री ली थी
गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के अपराधी बनने से पहले राजू ठेहट का नाम फैला था। आनंदपाल सिंह की मौत के बाद भी राजस्थान में दबंगई से राजू ठेहट का नाम लिया जाता था। 1995 में ठेहट ने अपराध की दुनिया में प्रवेश किया।
उस समय भाजपा की भैरों सिंह सरकार हवा में झूल रही थी और राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लागू था। सीकर का एसके कॉलेज शेखावाटी का राजनीतिक केंद्र था। कॉलेज में एबीवीपी का दबदबा रहा। गोपाल फोगावत शराब के कारोबार से जुड़े थे। जिसके राजू ठेहट ने भी फोगाट के साथ काम करना शुरू किया।