Rajasthan Election 2023: हवा महल सीट पर इस बार भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। भाजपा ध्रुवीकरण की उम्मीद में नया चेहरा लाई ही है।
एंटी इनकंबेंसी की आशंका में कांग्रेस ने भी गहलोत सरकार के कद्दावर मंत्री महेश जोशी का टिकट काटकर नया चेहरा उतारा है, तो वहीं बीजेपी ने बालमुकुंद को टिकट दिया है।
कांग्रेस ने संगठन में मजबूत पकड़ रखने वाले आरआर तिवाड़ी को टिकट दिया है। आचार्य चार साल से जयपुर के चारदीवारी के क्षेत्र में सक्रिय हैं। इकबाल प्रकरण के बाद सनातन सभा में दिए भाषण के बाद वह चर्चा में आए थे।
हवामहल क्षेत्र में पांच साल के दौरान हुई घटनाओं को लेकर अन्य मुद्दे गायब हो गए हैं। बदनपुरा निवासी बाब ज्यूस वाले बताते हैं कि क्षेत्र में विकास के लिए ज्यादा कुछ बचा नहीं है।
खाली जमीन ही नहीं है तो नया विकास भी क्या होगा? बस यहां से लोगों का पलायन रोकना बड़ी चुनौती है।
पाली सीट पर लगातार 5 बार से भाजपा का कब्जा है। यहां से ज्ञानचंद पारख डबल हेट्रिक की तैयारी में हैं।
कांग्रेस से भीमराज भाटी कड़ी टक्कर दे रहे हैं। भाटी 2018 में बतौर कांग्रेस के बागी मैदान में थे। तब 56094 वोट (32.55%) मिले थे।
कांग्रेस के महावीर सिंह सिर्फ 33143 यानी 19.23% वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहे थे।
भीमराज भाटी कांग्रेस से चौथी बार लड़ रहे हैं। जीते सिर्फ एक बार ही है वो भी निर्दलीय। अब वो परिवर्तन का नारा लेकर निकले हैं।
गांवों में इस नारे की चर्चा दोनों पार्टियों के समर्थकों में जोरों से हो रही है। गांवों में ‘लोकसभा में तो वोट मोदी को देंगे, लेकिन जैसी चर्चा भी है।
भाटी के लिए अपनी ही पार्टी के पूर्व प्रत्याशी महावीर सिंह सुकरलाई और केवलचंद गुलेच्छा जैसे दिग्गजों को साधना बड़ी चुनौती होगी है।
सीएम गहलोत ने भी सुकरलाई को अजमेर बुलाकर बात की थी। गांवों में प्रत्याशियों से इतर बात जाती है तो गहलोत सरकार की योजनाओं और मोदी सरकार के कामों पर बहस जोर पकड़ लेती है।
कांग्रेस राज में जिला मुख्यालय बन चुकी सांचौर सीट कई मायनों में खास है। यहां भाजपा ने जालाेर-सिराेही से तीन बार के सांसद देवजी एम. पटेल को उतारा है।
देवजी का मुकाबला कांग्रेस सरकार के राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई से है। भाजपा के बागी पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी निर्दलीय मैदान में हैं।
सांचौरवासी तय मान रहे हैं कि इस बार जीत-हार का अंतर बड़ा नहीं रहेगा।
इधर भाजपा ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की सभा करवा कर मतदाताओं को साधने का प्रयास किया है। केन्द्र की योजनाओं व मोदी के नाम को भुना रही है।