Jaipur Lit Fest 2023: 'धर्मनिरपेक्ष छवि के अनुकूल नहीं मोदी', तब JLF में मोदी पर उठे थे सवाल

Jaipur Lit Fest: एक विवाद JLF 2014 में तब हुआ था जब पहले ही दिन 17 जनवरी को जेएलएफ (JLF) में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी की खिलाफत और आप के समर्थन में बातचीत हुई। उस समय 2014 के इसी सत्र में लेखक वेद मेहता ने साहित्यक मंच से राजनीति बयानबाजी करते हुए टिप्पणी की थी कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो यह भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के लिए घातक होगा।
Jaipur Lit Fest 2023: 'धर्मनिरपेक्ष छवि के अनुकूल नहीं मोदी', तब JLF में मोदी पर उठे थे सवाल

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF), अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय होने के साथ ही इसका विवादों से गहरा नाता रहा है। साहित्य उत्सव मंच पर कुछ स्पीकर तो राजनीतिक टिप्पणियों करने से भी पीछे नहीं रहते है। जिसके कारण साहित्य उत्सव के इस मंच को लेकर भी विवाद कम नहीं होता है।

इसी तरह का एक विवाद JLF 2014 में हुआ था तब पहले ही दिन 17 जनवरी को जेएलएफ में प्रधानमंत्री बनने से पहले मोदी की खिलाफत और आप के समर्थन में बातचीत हुई। उस समय नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने मंच से आम आदमी पार्टी को लोकतंत्र के लिए बेहतर बताया था।

मोदी धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के लिए घातक- वेद मेहता

2014 के इसी सत्र में लेखक वेद मेहता ने साहित्यक मंच से राजनीति बयानबाजी करते हुए टिप्पणी की थी कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो यह भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के लिए घातक होगा।

उस समय प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर अपनी टिप्पणी से सुर्खियों में आए नोबेल विजेता और प्रख्यात अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने अपने उद्घाटन भाषण में दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की जीत को लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत बताते हुए कहा था कि दिल्ली के चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हैं। मजबूत लोकतंत्र के लिए सबसे अच्छा दिन।

AAP ने ताकत का किया बखूबी इस्तेमाल

लेखक वेद मेहता ने कहा कि आप ने देश की बुनियादी समस्याओं को चुनावी मुद्दा बनाने की मिसाल पेश की है। लोकतंत्र हमारे देश का अहम हिस्सा है और आम आदमी पार्टी ने अपनी ताकत का बखूबी इस्तेमाल किया है। सेन ने कहा कि वह भारत में एक दक्षिणपंथी धर्मनिरपेक्ष पार्टी चाहते हैं जो सांप्रदायिक न हो।

धर्मनिरपेक्ष छवि के अनुकूल नहीं मोदी

2014 के अपने सेशन के दौरान श्रोता के सवाल पर लेखक वेद मेहता ने नरेंद्र मोदी पर तीखी टिप्पणी की थी। सवाल था कि अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या देश में कोई बदलाव आएगा? वेद ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश की धर्मनिरपेक्ष छवि के अनुकूल नहीं हैं। उन्होंने अपनी एक अलग छवि बनाई है और यही वजह है कि अगर वो पीएम बनते हैं तो ये देश के लिए सबसे घातक होगा। इस देश के लोकतंत्र में सबसे बड़ी चीज है सेक्युलरिज्म।

राजनीति होने लगी है गुंडागर्दी

समारोह में आए पेंटर और नाटककार महमूद फारूकी ने कहा कि आज एक नई तरह की राजनीति होने लगी है। यहां गुंडागर्दी होती है। मैं यह नहीं कहना चाहता कि ऐसा सिर्फ बीजेपी करती है। लेकिन आज यह हर जगह हो रहा है। उन्होंने महोत्सव के हबीब तनवीर-ए लाइफ इन थिएटर सत्र में सवालों के जवाब में यह बात कही।

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