Rajasthan Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इसी के साथ ही लोगों में खास चर्चा का विषय बना हुआ है कि बीजेपी और कांग्रेस में से कौन होगा मुख्यमंत्री का चेहरा? आपको बता दें कि बीजेपी ने राजस्थान चुनाव के लिए 41 प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर दी है, तो वहीं कांग्रेस ने अभी लिस्ट जारी नहीं की है, लेकिन दोनों पार्टियों में प्रत्याशियों को उतारने को लेकर लगातार बैठक चल रही है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के चयन और चुनावी रणनीति तय करने के लिए बीते मंगलवार को दिल्ली में दो प्रमुख राजनीतिक दलों कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच मंथन सत्र आयोजित किया गया। इस बीच महाराणा प्रताप के वंशज उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ और राजस्थान के दिग्गज राजपूत नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व.कल्याण सिंह कालवी के पौत्र भवानी सिंह कालवी भाजपा में शामिल हो गए है।
वोट बैंक को अपनी तरफ जुटाने के लिए बीजेपी ने कालवी को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी है। इस मौके पर केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्य के मुख्यमंत्री जोशी और सांसद दीया कुमारी उपस्थित रहें। महवाल का बीजेपी में शामिल होना पार्टी के लिए फायदेमंद हो सकता है।
राजपरिवार को आज भी उदयपुर, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जिलों में उच्च प्रतिष्ठा प्राप्त है। आज भी लोग पुराने राजपरिवार पर भरोसा करते है। विश्वराज के पिता महेंद्र सिंह भाजपा से 1989 में चित्तौड़गढ़ सीट से लोकसभा का चुनाव लड़े हुए थे और भारी मतों से जीत दर्ज करायी थी।
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और दीया कुमारी ने विश्वराज को भाजपा में शामिल करने को लेकर पहले ही सहमति जता चुके है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा सोमवार को अपने उदयपुर दौरे के दौरान विश्वराज के बीजेपी में शामिल होने को लेकर बात कही थी।
उसी के दूसरे दिन विश्वराज भाजपा में शामिल हो गए। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि विश्वराज उदयपुर की शहरी विधानसभा से चुनाव लड़ सकते है।
नई दिल्ली में बीते मंगलवार दिनभर नेताओं का जमावड़ा रहा। इस दौरान जेपी नड्डा के आवास पर वसुंधरा राजे, जोशी, मेघवाल और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत समेत समिति के सभी प्रमुख सदस्यों की बैठक हुई। बैठक में बाकी 159 सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर चर्चाएं काफी तेज हो गई और अभी भी कुछ नामों को लेकर लोगों में अलग-अलग राय बनी हुई है।
जेपी नड्डा ने कहा कि पहले जारी किए गए ओपिनियन पोल में 41 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई है और उनके नामों को प्राथमिकता दी गई है। अन्य स्थानों पर भी सर्वे को प्राथमिकता दी जाएगी। बैठक में कांग्रेस द्वारा पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में पूर्वी राजस्थान जन जागरण यात्रा नहर परियोजना को खारिज करने को लेकर चर्चा तेज हो गई है। 13 जिलों के 83 विधानसभा सीटों को लेकर चर्चा की गई।
बता दें कि मंगलवार को दिल्ली में गौरव गोगाई की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई थी। पिछले कुछ दिनों से लगातार कमेटी की बैठकें जारी हैं। समिति ने 100 सीटों के लिए संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार की।
बुधवार को चल रही कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में मंजूरी मिलने के बाद पार्टी उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जा सकती है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मंगलवार को जयपुर से नई दिल्ली पहुंचे। उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पहले से ही नई दिल्ली में हैं। राज्य के अधिकांश शीर्ष अधिकारी और टिकट के दावेदार पिछले कुछ दिनों से वहीं रुके हुए हैं।