IPL में राजस्थान रॉयल्स के लिए लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ खेलते हुए रविचंद्रन अश्विन ने ऐसा कदम उठाया जिसे आगे आने वाले वक्त में सीमित ओवरों के क्रिकेट में क्रांति के रूप में देखा जा रहा है। लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ 4 ओवर मे चार विकेट खोने के बाद अश्विन 6 नम्बर पर बल्लेबाजी करने आए और टीम को संभाला।
अश्विन ने स्कोर को 67 से 135 रन तक पहुँचाया लेकिन जब उन्हें लगा कि स्लॉग ओवरों में उनसे बड़े हिट नहीं लग रहे तो उन्होंने रिटायर्ड आउट का फैसला लेते हुए रियान पराग को खेलने का मौका दिया।
यही फैसला राजस्थान रॉयल के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। उन दो ओवरों में रियान पराग ने 4 गेंदें खेलीं और 8 रन बनाए जिसमें उन्होंने होल्डर को एक छक्का भी जड़ा था। रियान और हेटमेयर ने मिलकर इन अंतिम 2 ओवरों में राजस्थान का स्कोर 165 तक पहुंचाया, जो काफी अहम साबित हुआ।
RR की रिटायर्ड आउट रणनीति।
भविष्य में होगी गेमचेंजर साबित, अश्विन का रिटायर्ड आउट जायंट्स पर भारी।
दुनिया को मिली सीख, टीम संकट में थी तभी अश्विन अपनी मर्जी से हुए ‘रिटायर्ड आउट’ और पासा पलट गया।
ये नई रणनीति बदल देगी क्रिकेट का इतिहास।
रिटायर्ड आउट, रिटायर्ड हर्ट से काफी अलग है। जब कोई खिलाड़ी किसी चोट, क्रैंप, हैमस्ट्रिंग या किसी और वजह से बल्लेबाजी नहीं कर पाए तब अगर वह क्रीज छोड़कर डगआउट की तरफ जाता है तो उसे रिटायर्ड हर्ट कहा जाता है वही अगर मैच के दोरान कोई भी बल्लेबाज स्वेच्छा से क्रीज छोड़कर किसी दूसरे बल्लेबाज को मौका देता है तो उसे रिटायर्ड आउट माना जाता है।