सकट चौथ पर मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू, जानें कब होंगे चांद के दर्शन

News: नए वर्ष में साल की पहली संकष्टी चतुर्थी यानी तिलकुटा चौथ मनाई जा रही है। अखंड सौभाग्य के पर्व पर माघ कृष्ण चतुर्थी के साथ पूर्वा फाल्गुनी व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और शोभन योग व सोमवार का विशेष संयोग बना है।
तिलकुटा चौथ पर जयपुर में रात 9 बजकर 18 मिनट पर होंगे चांद के दर्शन
तिलकुटा चौथ पर जयपुर में रात 9 बजकर 18 मिनट पर होंगे चांद के दर्शन

News: नए वर्ष में साल की पहली संकष्टी चतुर्थी यानी तिलकुटा चौथ मनाई जा रही है। अखंड सौभाग्य के पर्व पर माघ कृष्ण चतुर्थी के साथ पूर्वा फाल्गुनी व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र और शोभन योग व सोमवार का विशेष संयोग बना है। 

चौथ माता व गणेशजी मंदिरों में महिलाएं सुबह से ही पूजा- अर्चना की जा रही है। इस दौरान चौथ माता की कथा व कहानी भी सुनी जा रही है।

राजधानी जयपुर में रात 9 बजकर 18 मिनट पर चांद के दर्शन होने पर महिलाएं उसे अघ्र्य अर्पित करेंगी और अपना व्रत खोलेंगी।

तेजू में उगेगा में सबसे पहले Moon

देश में सबसे पहले चांद अरुणाचल प्रदेश के तेजू में उगेगा। यहां चन्द्रमा के दर्शन शाम 7 बजकर 51 मिनट पर ही हो जाएंगे। वहीं इसके बाद आसाम के डिब्रूगढ़ में शाम 7.59 बजे चांद दिखाई देगा। जबकि सबसे लेट चांद के दीदार रात 9.44 बजे गुजरात के जामनगर में होंगे।

तिलकुटा चौथ पर गणेशजी महाराज व चौथ माता को पूजा-अर्चना के दौरान तिल के व्यंजनों के साथ तिल के लड्डू व गजक आदि का भोग लगाया जा रहा है।

कुछ महिलाएं घरों में ही चौथ माता की पूजा करेंगी। शाम को पाटा रखकर उसपर लाल कपड़ा बिछाकर चौथ माता व गणेशजी की पूजा करेंगी।

वहीं सामूहिक रूप से कथा सुनी जाएगी। इस दौरान पति की लंबी उम्र व घर में सुख-समृद्धि की कामना की जाएगी। इससे पहले बाजार में तिल के व्यंजनों के साथ पूजन सामग्री की खरीददारी शुरू हुई। आज दिनभर बाजार में पूजा सामग्री की खरीदारी होगी।

कई नामों से जानते है इस चौथ को

ज्योतिषाचार्य पं.अक्षय गौतम ने बताया कि माघ माह की चतुर्थी को संकट चौथ, तिलकुटा चौथ, संकष्टी चतुर्थी, माघी चौथ, तिलचौथ नाम से भी जाना जाता हैं।

पति की दीर्घायु की कामना के साथ महिलाएं भगवान श्रीगणेश के साथ शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय और चंद्रदेव की पूजा करेगी।

तिलकुटा चौथ पर चन्द्रोदय व सूर्योदय दोनों ही चतुर्थी तिथि पर हो रहे हैं। वहीं इस दिन पूर्वा फाल्गुनी व उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्रों के साथ शोभन योग का संयोग रहेगा। जो व्रत करने वाली सौभाग्यवतियों के लिए सुख-समृद्धि लेकर आएगा।

कि संकष्टी चौथ का व्रत संतान की दीर्घायु के लिए एवं सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखा जाता हैं। इस व्रत को निर्जल भी किया जाता हैं। गणेश जी को तिल और गुड़ से बने तिलकुटे का भोग लगाया जाएगा।

देश में कहां कब निकलेगा चांद

जगह समय

अयोध्या: रात 8.52 बजे

दिल्ली : रात 9.10 बजे

कोलकाता : रात 8.27 बजे

वाराणसी : रात 8.27 बजे

आगरा: रात 9.07 बजे

मुंबई: रात 9.34 बजे

तेजू: शाम 7.51

डिब्रूगढ़ङ: शाम 7.59 बजे

जामनगर: रात 9.44 बजे

कहां कितने बजे निकलेगा चांद

जगह समय

जयपुर: रात 9.18 बजे

अजमेर: रात 9.23 बजे

उदयपुर: रात 9.27 बजे

कोटा: रात 9.18 बजे

गंगानगर: रात 9.24 बजे

चूरू: रात 9.19 बजे

जैसलमेर: रात 9.38 बजे

जोधपुर: रात 9.28 बजे

सीकर: रात 9.19 बजे

भरतपुर: रात 9.10 बजे

बीकानेर: रात 9.27 बजे

धौलपुर: रात 9.09 बजे

पाली: रात 9.28 बजे

बाड़मेर: रात 9.36 बजे

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