Rajasthan Congress: सचिन पायलट का बयान सामने आने के बाद राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर सियासत गरमा गई है। सचिन पायलट के दिल्ली में 25 सितंबर को विधायक दल के समानांतर बैठक बुलाने और इस्तीफों का दबाव बनाने वाले नेताओं पर जल्द कार्रवाई की मांग कर एक बार फिर शांत पड़ी राजस्थान की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। सचिन पायलट के बाद अब पायलट कैंप के विधायक भी आक्रामक हो गए हैं।
एक समाचार एजेंसी को दिए साक्षात्कार में पहले प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सीएम गहलोत को आड़े हाथ लेते हुए राजस्थान के मामले में कांग्रेस आलाकमान को जल्द फैसला लेने के लिए आगाह किया। इसके बाद पायलट गुट मुखर हो गया है। पायलट समर्थक विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा के बाद अब पायलट कैंप के ही विधायक वेद सोलंकी ने बयान देकर हलचल तेज कर दी है। उन्होंने कहा है कि यदि प्रदेश में सरकार रिपीट करानी है तो सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए। Since Independence पर जानें अब तक का पूरा घटनाक्रम।
गौरतलब है कि राजस्थान में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में सचिन पायलट और उसके समर्थक विधायकों की यूं लामबंदी कोई अचरज की बात नहीं है। अब देखना यह है कि पायलट गुट का यह दबाव कितना कारगर साबित होता है? क्या आलाकमान राजस्थान में फेरबदल करेगा या फिर चुनाव तक इसे टाला जाएगा?
सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के करीबी माने जाने वाले तीन नेताओं को चार महीने पहले दिए गए कारण बताओ नोटिस का हवाला देते हुए उन पर कार्रवाई नहीं होने पर प्रश्न उठाया। साथ ही कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से कई बार कहा गया है कि वह फैसला करेंगे कि आगे कैसे बढ़ना है। राजस्थान में अगर फिर से कांग्रेस की सरकार लानी है तो कांग्रेस आलाकमान को जल्द फैसला करना होगा।
पायलट के साक्षात्कार के बाद गुरुवार को विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने सचिन पायलट से मुलाकात की। इसके बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में बैरवा ने कहा कि रायपुर अधिवेशन के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि अब आलाकमान को सचिन पायलट जैसे युवाओं को कमान सौंपना होगा। उन्होंने कहा कि पायलट कांग्रेस की वर्किंग कैपिटल हैं और गहलोत फिक्स डिपाजिट हैं।
पायलट समर्थक विधायक वेद सोलंकी ने मीडिया में अपनी बात रखते हुए कहा कि अब विधायकों की इच्छा क्या है, यह बात नहीं बची। क्योंकि अब चुनावी साल है। चुनावी साल में जनता की इच्छा क्या है। उसके अनुसार आलाकमान को निर्णय लेना चाहिए और जनता की इच्छा यह है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जाए। वेद सोलंकी ने कहा कि अगर विधायकों की संख्या देखनी है, तो आलाकमान दोबारा विधायक दल की बैठक बुलाकर सभी से वन टू वन चर्चा कर ले। किसके साथ कितने विधायक हैं, यह सामने आ जाएगा। साथ ही सोलंकी ने बिना किसी का नाम लिए गहलोत समर्थकों पर कार्रवाई नहीं होने पर भी प्रश्न किया।
सचिन पायलट ने अब इस मामले में पूरी तरीके से चुप्पी साध ली है। मीडिया से वह इस बारे में कोई बात नहीं कर रहे हैं। आज पायलट आवास पर पहुंचकर भले ही खिलाड़ी लाल बैरवा और वेद सोलंकी ने अपनी बात रखी हो, लेकिन सचिन पायलट ने उनसे मिलने आए कार्यकर्ताओं से मुलाकात तो की, लेकिन मीडिया के सामने चुप्पी साध ली। अब हर किसी की नजर सचिन पायलट के 20 फरवरी को होने वाले गंगानगर दौरे पर है, जहां वह दलित समाज के कार्यक्रम में शामिल होंगे और सभा को संबोधित करेंगे।
आपको बता दें कि पायलट से मुलाकात करने गुरुवार को विधायक रामनिवास गावड़िया, वेद सोलंकी, खिलाड़ी लाल बैरवा, राकेश पारीक और अपनी पारिवारिक शादी का निमंत्रण देने विधायक हाकम अली भी पहुंचे। इसके अलावा पायलट गुट के नेताओं का उनके निवास पर जमावड़ा लगा हुआ है। अब सचिन पायलट विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेने विधानसभा पहुंचेंगे।