कल के होने वाले अफसर अपने हक के लिए आज सड़क पर अनशन कर रहें है। ना तो वह भिखारी है और ना ही कोई तमाशबीन हैं, ये वो अभ्यर्थी हैं जो राजस्थान प्रशासनिक की प्री परीक्षा पास कर चकु हैं। और RAS मेन्स की तैयारी कर रहे हैं लेकिन ये आपने सपने को पूरा करने की तैयारी करने के बजाय सड़क पर बैठ कर नारेबाजी कर रहे हैं । आखिर क्यों प्रदेश की काबिल युवाओं को सड़क पर लामबंध होना पड़ रहा है ।
राजस्थान प्रशासनिक सेवा के लिए परीक्षा देने वाले RAS अभ्यर्थी मुख्य परीक्षा तिथि को आगे बढ़ाने को लेकर पिछले काफी दिनों से राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर धरना दे रहें है।भाजपा नेता किरोड़ी लाल मीणा धरना स्थल पर पहुंच कर सरकार के खिलाफ आंदोलन में शामिल हो चुके हैं। 18 फरवरी को धरने पर बैठी दो छात्राओं की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वहीं धरने पर बैठे बाकी अभ्यर्थियों की सेहत पर भी विपरीत असर देखने को मिल रहा है परन्तु अभ्यर्थी अपनी मांग पर डटे है उनका कहना है कि मेन्स परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने तक आंदोलन जारी रहेगा।
राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से युवाओं में काफी आक्रोश है। रीट परीक्षा पेपर लीक धांधली ने सियासी गलियारों में हड़कंप मचा रखा है। सड़क से सदन तक इस मुद्दे की गर्माहठ देखने को मिली। इसी बीच आरएएस प्री परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों ने राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर के बाहर धरना देना शुरू कर दिया। अभ्यार्थियों का कहना है कि वे आरएएस मुख्य परीक्षा को आगे बढ़वाना चाहते है। लेकिन परीक्षा की तिथि नजदीक होने के बावजूद आयोग ने उनकी एक न सुनी और आरएएस मेंस एग्जाम के एडमिट कार्ड जारी कर दिए है।
एडमिट कार्ड जारी करने के बाद अभ्यर्थियों ने आंदोलन उग्र कर दिया हैं अभ्यर्थियों ने गुरूवार को राजस्थान विश्वविद्यालय के बाहर आमरण अनशन शुरू कर दिया है। इससे पहले अभ्यर्थी 15 दिनों से प्रतिनिधिमंडल बनाकर सरकार के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर रहे हैं। 3 बार RPSC जाकर भी अपनी समस्या बता चुके लेकिन आयोग की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।
अभ्यर्थियों ने बताया कि RAS प्री परीक्षा के नोटिफिकेशन के साथ ही मेंस का सिलेबस भी जारी कर दिया जाता है। इस बार भी जुलाई 2021 में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया। जिसका परिणाम 19 नवंबर को जारी किया गया था। लेकिन प्री परीक्षा के परिणाम के 5 दिन बाद ही 24 नवंबर को सिलेबस बदल दिया गया। जिस पर अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें तैयारी करने का समय बहुत कम मिला है। उनकी मांग है कि उन्हें तैयारी के लिए 2 महिनों का समय दिया जाए और परीक्षा फरवरी के बजाय मई में करवाई जाए।
बता दें कि साढ़े तीन लाख में से 20 हजार अभ्यर्थियों ने प्री पेपर पास किया है जिनका मेंस पेपर का आयोजन 25 व 26 फरवरी को होना है और आयोग ने प्रवेश पत्र भी जारी कर दिए है। वही नाराज अभ्यर्थी परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाने की मांग को लेकर राजस्थान यूनिवर्सिटी के बाहर आमरण अनशन पर बैठे है।
अभ्यर्थियों के धरने के बीच आयोग ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर आरएएस मुख्य परीक्षा के प्रवेश पत्र अपलोड कर दिए हैं। आयोग का मनाना है कि यदि परीक्षा की तिथि को आगे बढ़ाया जाएगा तो परीक्षाओं का कैलेंडर डिले हो जाएगा जिससे दूसरी परीक्षाएं प्रभावित होगी और पूरा सिस्टम गड़बड़ा जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार से अभ्यर्थियों के हक में मांग की है। राजे ने कहा कि RPSC द्वारा RAS मुख्य परीक्षा 2021 के पाठ्यक्रम में बदलाव के कारण अभ्यर्थियों को तैयारी करने का उपयुक्त समय नही मिला इसलिए वे अतिरिक्त समय की मांग कर रहे है लेकिन मांग को न मानना कांग्रेस की हठधर्मिता को दर्शाता है, मुख्यमंत्री जी जल्दी ही अभ्यर्थियों के हित में फैसला लें। इस मामले में वसुंधरा राजे सहित यूथ कांग्रेस के जनरल सेकेट्री सीताराम लांबा समेत कई पक्ष विपक्ष के कई नेताओं ने अभ्यर्थियों का साथ दिया है।
लगता है सरकार पुष्पा फिल्म के हीरो की तरह झुकने को तैयार नहीं है और अभ्यर्थी अपने मांगों पर मरते दम तक डटे रहने की बात कह रहे हैं। इस बीच RPSC भी अपने दामन पर लगे दाग धोने की कोशिश कर रही है । लगातार पेपर लीक होने से सरकार को सिस्टम दोनों की फजीहत हो रही है, रीट मामले में विपक्ष सीबीआई जांच की मांग कर रहा है और सरकार एओजी से जांच प्रयाप्त बता रही है ।अब सरकार प्रदेश की सबसे बड़ी एग्जाम की डेट ना बढ़ाकर अपने विरोधियों और अभ्यर्थियों को कड़ा सदेंश देना चाहती है घपलों की जांच और एग्जाम की प्रक्रिया उसी के हिसाब से चलेगी।
(सहयोग- कुलदीप चौधरी)