रीट पेपर लीक मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। रीट में पास होने के एवज में जानकारी सामने आ रही है कि बाड़मेर और जयपुर के दो दलालों को 40 लाख रुपये दिए गए। दरअसल, रीट का पेपर रद्द होने के बाद टोंक जिले के रहने वाले लोकेश मीणा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस को मृतक के पास से मिले एक सुसाइड नोट में दो दलालों को पैसे देने की जानकारी मिली है। इनमें से एक दलाल बाड़मेर का है तो दूसरा राजधानी जयपुर का।
रीट पेपर लीक मामले का खुलासा होते ही कुछ हताश कई छात्रों ने मौत को गले लगा लिया। लेकिन सरकार सिस्टम की विफलता के कारण एक और व्यक्ति को जान गंवाने पर मजबूर होना पड़ा। नकल करने वालों के खिलाफ सख्त कानुन नहीं होने के कारण गिरोह के हौसले सातवें आसंमान पर है लेकिन सरकार और सिस्टम की लापरवाही ना जाने कितनी जान और लेगी।
जानकारी के अनुसार टोंक जिले के फोर्ट थाना क्षेत्र के रानीपुरा निवासी लोकेश मीणा (27) ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजन के सोने के बाद देर रात युवक ने अपने कमरे में फांसी लगा ली। बताया गया कि मृतक लोक निर्माण विभाग हिंडोली में कनिष्ठ सहायक के पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत था, जबकि उसकी मूल पदस्थापना नैनवा जिला बूंदी में थी।
पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आ रहा है कि मृतक लोकेश ने दलालों को रीट पेपर के लिए 40 लाख रुपये दिए थे। बताया गया कि मृतक ने बाड़मेर के एक युवक को 24 लाख रुपये और जयपुर के एक युवक को 16 लाख रुपये दिए थे। बताया गया कि लोकेश ने यह राशि ब्याज पर ली थी।
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