NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण के मुंबई निवास पर IT रेड: अज्ञात बाबा को गोपनीय सूचना देने का आरोप‚ बाेलीं-बाबा कहीं भी प्रकट हो सकते हैं

बताया जा रहा है कि चित्रा रामकृष्ण हिमालय के अज्ञात योगी की सलाह पर फैसले लिया करती थीं। इन्हीं अज्ञात बाबा की सिफारिश पर उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में ग्रुप ऑपरेशनल ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्ति किया था।
NSE की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण के मुंबई निवास पर IT रेड: अज्ञात बाबा को गोपनीय सूचना देने का आरोप‚ बाेलीं-बाबा कहीं भी प्रकट हो सकते हैं

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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व CEO चित्रा रामकृष्ण के मुंबई स्थित निवास प आयकर विभाग ने छापे की कार्रवाई की है। चित्रा पर आध्यात्मिक गुरु के साथ कॉन्फिडेंशियल इन्फॉर्मेशन साझा करने का आरोप सामने आया है। सेबी ने हाल ही में 11 फरवरी को रामकृष्ण पर फाइन लगाया था। मार्केट रेगुलेटर ने एक्सचेंज की कॉन्फिडेंशियल इन्फॉर्मेशन को किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ साझा करने के लिए चित्रा पर 3 करोड़ रुपए का फाइन लगाया था। बता दें कि रामकृष्ण ने दिसंबर 2016 को CEO का पद छोड़ा था।

सेबी के आदेश में ये भी बताया गया है कि रामकृष्ण ने 'योगी' के साथ एनएसई की वित्तीय और व्यावसायिक योजनाओं, प्रॉफिट सिनेरियो और फाइनेंशियल रिजल्ट्स सहित कुछ इंटरनल सूचनाएं भी शेयर की। इससे उन लोगों को अवैध रूप से फाइनेंशियल प्रॉफिट हुआ था।
<div class="paragraphs"><p>Chitra Ramkrishna, former MD-CEO of National Stock Exchange (NSE)</p></div>

Chitra Ramkrishna, former MD-CEO of National Stock Exchange (NSE)

चित्रा रामाकृष्ण चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। 2013 में चित्रा NSE की पहली महिला MD और CEO बनी थीं। 2013 में चित्रा फोर्ब्स वुमन लीडर ऑफ द ईयर भी चुनी गई थीं। 2016 में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
अज्ञात योगी के मशविरे पर लेती थीं फैसले
बताया जा रहा है कि चित्रा रामकृष्ण हिमालय के अज्ञात योगी की सलाह पर फैसले लिया करती थीं। इन्हीं अज्ञात बाबा की सिफारिश पर उन्होंने आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में ग्रुप ऑपरेशनल ऑफिसर और मैनेजिंग डायरेक्टर नियुक्ति किया था।
SEBI को इस पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी यूं मिली
दरअसल साल 2015 में एक मुखबिर ने मार्केट रेगुलेटर SEBI से को-लोकेशन घोटाले की शिकायत की थी। इसमें कहा गया था कि NSE में वरिष्ठ प्रंधन स्तर पर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। आपको बता दें कि को-लोकेशन घोटाले को आसान भाषा में समझें तो सीक्रेट इन्फॉर्मेशन पब्लिक होने से पूर्व कुछ ब्रोकर्स के साथ साझा करना। इस जानकारी का इक्विटी मार्केट में इनकम के लिहाज से यूज किया जाता है। उसी दौरान चित्रा का भी नाम सामने आया था। सेबी ने चित्रा को उस समय शो कॉज नोटिस भी सेंड किया था। SEBI ने हाल ही में अपनी जांच पूरी करने के बाद रिपोर्ट साझा की है।
सेबी ने कहा: हिमालय की पहाड़ियों पर निवास करता है योगी
सेबी के एक अधिकारी ने बताया​ कि एनएसई की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्ण ने एनएसई से जुड़े फैसले एक ऐसे योगी के कहने पर लिए, जिसे कभी देखा भी नहीं गया। चित्र रामकृष्ण हिमालय में रहने वाले एक योगी से प्रभावित थीं। एनएसई देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। इसमें रोजाना 49 करोड़ ट्रांजेक्शन होते हैं। एनएसई का एक दिन का टर्नओवर 64 हजार करोड़ रुपए है।
आखिर कौन हैं आनंद सुब्रमण्यम? जिनका NSE से पहले की जॉब में 15 लाख सालाना वेतन था, लेकिन NSE में आते ही उन्हें 1 करोड़ 38 लाख का मोटा पैकेज दिया
आनंद सुब्रमण्यम को 1 अप्रैल 2013 में चीफ स्ट्रैटजिक ऑफिसर का पद दिया गया था। फिर 1 अप्रैल 2015 को प्रमोट कर के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर व एमडी और सीईओ का एडवाइजर बना दिया गया। 21 अक्टूबर 2016 तक वह इस पद पर रहे। NSE में आने से पूर्व बामर एंड लॉरी में आनंद की सैलरी 15 लाख सालाना थी, लेकिन NSE में उन्हें 1 करोड़ 38 लाख रुपए का मोटा पैकेज दे दिया गया।
अगले ही साल उन्हें मार्च में 20 पर्सेंट इंक्रीमेंट दिया गया और पांच हफ्ते के बाद ही वेतन 15% और बढ़ा दिया गया। इसकी वजह ये कि चित्रा ने आनंद को बेस्ट रेटिंग दी थी। 2016 तक पैकेज बढ़ाकर 4.21 करोड़ कर दिया। आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति के वक्त HR डिपार्टमेंट से भी मशविरा नहीं लिया गया। इस पद के लिए केवल एक व्यक्ति का इंटरव्यू हुआ था जो आनंद सुब्रमण्यम ही थे। सुब्रमण्यम को हफ्ते में केवल 3 दिन ऑफिस आने की भी छूट मिल गई थी। आनंद सुब्रमण्यम पर SEBI ने 2 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
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सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था। यह कार्रवाई आनंद सुब्रमण्यम की नियुक्ति को लेकर की गई थी। एक्सचेंज के कर्मचारियों की परफॉर्मेंस वैल्यूएशन पर 'योगी' से रामकृष्ण ने मशविरा लिया।

रामकृष्ण का मानना है कि योगी कहीं भी अवतरित हो सकते हैं
चित्रा रामकृष्ण अप्रैल, 2013 से दिसंबर, 2016 तक NSE की MD एवं CEO के पद पर रहीं थीं। इस बीच वे एक अनाम योगी से इंप्रेस होकर ही फैसले लेने लगीं थी। चित्रा योगी को शिरोमणि कह कर पुकारती थीं। उनका मानना है कि एक आध्यात्मिक शक्ति हैं और पिछले 20 वर्षों से निजी और प्रोफेशनल मामलों पर वो शक्ति रूपी बाबा शिरोमणि उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। चित्रा के अनुसार, योगी अपनी इच्छानुसार कहीं भी प्रकट हो सकते थे।
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आयकर अधिकारियों ने कहा कि रामकृष्ण व अन्य के खिलाफ ये रेड इनकम टैक्स चोरी व वित्तीय घपले के आरोपों को ध्यान में रखकर की गई है। चित्रा को अप्रैल 2013 में एनएसई का एमडी व सीईओ बनाया गया था। वह दिसंबर 2016 तक इस पद पर रही थीं। जानकारी के मुताबिक, ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम के यहां भी छापेमारी हुई है।
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