‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले कांग्रेस खंड-खंड!

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब कांग्रेस पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है, जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के 64 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में डिप्टी सीएम तारा चंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी जैसे दिग्गजों के नाम शामिल है।
‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले कांग्रेस खंड-खंड!

‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले कांग्रेस में फूट साफ तौर पर नजर आ रही है। जहां एक तरफ पार्टी की स्थिति सुधारने के लिए देशभर में कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने जा रही है, वहीं उससे पहले गुलाम नवी आजाद के इस्तीफे के बाद लगातार कांग्रेस पार्टी की मुश्किल बढती जा रही है। हाल की सुचना के आधार पर जम्मू-कश्मीर के 64 नेताओं ने एक साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वालों में जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक शामिल है।

जम्मू-कश्मीर के 64 नेताओं का इस्तीफा

जम्मू-कश्मीर के 64 नेताओं ने मंगलवार को एक साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। इन नेताओं में डिप्टी सीएम तारा चंद, पूर्व मंत्री माजिद वानी, घरू चौधरी, मनोहर लाल शर्मा, पूर्व विधायक बलवान सिंह, जम्मू-कश्मीर कांग्रेस सचिव नरिंदर शर्मा और महासचिव गौरव मगोत्रा जैसे कई बड़े नेता शामिल हैं. अब कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सभी नेता आजाद के नेतृत्व वाली नई पार्टी में शामिल होंगे।

हमें खुशी है कि आजाद अपनी पार्टी बना रहे हैं। कांग्रेस आलाकमान ने हमसे एक बार भी मिलने की जहमत नहीं उठाई, हम अपनी शिकायत करना चाहते थे। लेकिन किसी को हमारी सुनने की कोई इच्छा नहीं थी। अन्य दलों के नेताओं ने भी हमसे संपर्क किया। वे हमारी (आजाद की पार्टी) में शामिल होंगे। सत्ताधारी भाजपा के नेता भी हमसे जुड़ना चाहते हैं।

तारा चंद, डिप्टी सीएम

‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले दिग्गजों का कांग्रेस को बाय-बाय

हाल के दिनों में कांग्रेस के नेताओं की नाराजगी खुलकर सामने आई है। चाहे गुलाम नबी आजाद हो या फिर आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल ने तो पहले ही पार्टी को टाटा बाय बाय बोल दिया है। देश में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए कांग्रेस भारत छोड़ो यात्रा कर रही है। लेकिन अब जब कांग्रेस के दिग्गजों ने पार्टी को अलविदा कह दिया है तो क्या पार्टी को इस पर चिंतन करनी की आवश्यकता नहीं है? इन दिग्गजों के पार्टी छोड़ने से क्या 2024 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी मजबूत होकर चुनाव लड़ पाएगी?

जी-23 नेताओं के बगावती सुर

पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस में हालात पहले जैसे नहीं रहे। हालांकि पार्टी के भीतर से ही यह सभी नेता पार्टी की नीतियों को लेकर लगातार सवाल खड़े करते रहे। पार्टी अध्यक्ष के चुनाव सहित कई मुद्दों को लेकर जी 23 के नेताओं ने बागी सुर अपना लिए। सिब्बल के जाने के बाद ऐसा लगा मामला ठंडा पड़ गया लेकिन गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा दोनों के इस्तीफे के बाद अब सवाल फिर से उठने लगे हैं कि क्या जी-23 ग्रुप फिर से सक्रिय हो गया है।

कांग्रेस के साथ समस्याएं कम नहीं

पार्टी के अंदर इतने सारे डेंट हो गए हैं कि एक को सुधारती है तो दूसरा डेंट हो जाता है। कांग्रेस ने कुछ समय पहले पार्टी रिफॉर्म किया। नेताओं को नई जिम्मेदारियां सौंपी गई। थोड़े वक्त के लिए ऐसा भी लगा कि पार्टी के अंदर जी-23 ग्रुप के नेता शांत हो गए हैं। कपिल सिब्बल ने सपा जॉइन कर ली और वो राज्यसभा पहुंच गए। ऐसा लगा अब पार्टी में इन नेताओं की ओर से टेंशन नहीं मिलेगी लेकिन पहले गुलाम नबी आजाद और अब आनंद शर्मा ने हिमाचल चुनाव से पहले संचालन समिति की अध्यक्षता से इस्तीफा देकर जता दिया कि अब भी सबकुछ ठीक नहीं है।

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