भूटान के किंग जिग्मे खेसर ने पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और दोनों देशों ने भारत और भूटान रेल लिंक परियोजना पर चर्चा की।
भूटान और भारत के बीच पहले लिंक सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है। एक और रेल लिंक शुरू करने के लिए विचार किया जा रहा है।
भूटान के किंग जिग्मे खेसर ने भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किया।
खेसर की सप्ताह भर की यात्रा की शुरुआत में भारत और भूटान के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी और सीमा पार परिवहन पर कई समझौते हुए। इससे दोनों पक्षों के सबंध मजबूत हो सकें।
बता दें कि भारत और भूटान के बीच पहली रेलवे लाइन के सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है। ऐसे में दोनों देश एक और रेलवे लिंक के बारे में सोच रहे है।
भूटान और चीन के बीच एक बार नए सिरे से सीमा वार्ता शुरू हुई है। इसको लेकर भारत की चिंताओं के बीच भूटान ने इन समझौतों पर चीन की रणनीतिक घेराबंदी के रूप में देखा जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद दोनों लोगों ने बयान जारी कर के समझौते की जानकारी दी है। बैठक के दौरान दोनों देशों ने असम के कोकराझार और भूटान के गुलफू के बीच बनने वाली 57 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन पर दोनों देशों की सहमति बन गई है और जल्द ही इस पर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
इसके अलावा दोनों देश पश्चिम बंगाल के बानरहाट और भूटान के समत्से के बीच एक रेलवे लाइन बनाने पर भी विचार कर रहे है।
इससे भूटान और बांग्लादेश के बीच व्यापार में आसानी होगी। पीएम मोदी ने जिग्मे खेसर को भूटान के विकास में समर्थन देने का आश्वासन दिया है। इस पर भूटान के किंग ने पीएम मोदी को धन्यवाद दिया है।
ऐसा माना जा रहा है कि दोनों देश व्यापार को और अधिक विस्तार देने के लिए दादागिरी चेकपॉइंट के नवीनीकरण पर सहमत हुए है।
जो बयान सामने आया है उसमे कहा गया है कि भारत सरकार भूटान को 12वीं और 13वीं पंचवर्षीय योजना के लिए ब्रिज फाइनेंसिंग करेगा। गौरतलब है कि अन्य देशों को समर्थन देने के लिए भारत को आवंटित धन से भूटान को सबसे अधिक फायदा होता है।