कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसेना अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई गई है। इसको लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पीड़ितों के परिवार से मुलाकात की है।
विदेश मंत्री ने ट्विटर पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि कतर में हिरासत में लिए गए आठ भारतीयों के परिवार वालों से मिला। सभी को छुड़ाने के लिए सरकार के तरफ से हर संभव कोशिश की जाएगी।
एस. जयशंकर ने कहा कि आठों भारतीय परिवारों से मुलाकात के दौरान मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार इस मुद्दे को बहुत महत्व देती है और पीड़ित परिवार की चिंताओं व दर्द को पूरी तरह से समझती है।
आठों की रिहाई कराने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। विदेश मंत्री ने कहा कि हम इस मामले पर परिवार के साथ समन्वय करना जारी रखेंगे।
बता दें कि कतर की अदालत द्वारा भारतीय नागरिक को मौत की सजा सुनाए जाने के फैसले पर भारत ने हैरानी जताई है और कहा है कि वह कतर के इस फैसले से सहमत नहीं है।
पिछले साल अगस्त में कतर अधिकारियों ने इन आठ भारतीय नागरिकों को जिनके नाम पूर्व कैप्टन नवतेज सिंह गिल, पूर्व कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, पूर्व कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, पूर्व कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, पूर्व कमांडर सुगुनाकर पकाला, पूर्व कमांडर संजीव गुप्ता, पूर्व कमांडर अमित नागपाल और पूर्व नाविक रागेश हैं।
इनको इज़राइल के लिए जासूसी करने के संदेह में गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था। तब से भारत सरकार उन्हें राजनयिक पहुंच प्रदान कर रही है।
आठों भारतीयों को किस तरह की सजा दी जाएगी अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन बताया गया है कि उन सभी पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है।
ये लोग कतर में दारा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टिंग सर्विसेज नामक एक निजी कंपनी के लिए काम करते थे। कंपनी कतर के रक्षा और सुरक्षा संगठनों को प्रशिक्षण और अन्य सेवाएं प्रदान करती है।