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Yes Bank को खरीद सकता है SBI, आरबीआई ने बैंक का सीमित किया लेनदेन

savan meena

न्यूज –  सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को पूंजी के संकट से जूझ रहे यस बैंक को खरीदने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए मंजूरी दे दी है। उच्च स्तरीय सूत्रों ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस संबंध में जल्द ही कोई घोषणा की जा सकती है। देश के सबसे बड़े ऋणदाता संस्थान एसबीआई की बृहस्पतिवार को मुंबई में बैठक भी हुई, लेकिन यह पता नहीं चल सका कि क्या बैठक के एजेंडे में यस बैंक के अधिग्रहण का मुद्दा था या नहीं।

यस बैंक ने कहा, सही समय पर हम स्थिति स्पष्ट करेंगे, लेकिन बैंक को अभी तक आरबीआई या किसी अन्य सरकारी या विनियामकीय प्राधिकरण या एसबीआई से इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है। यस बैंक ने शेयर बाजारों में दी फाइलिंग में कहा, 'हमें ऐसे किसी फैसले के बारे में जानकारी नहीं है। इसलिए हम इस खबर पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं है।'

इस खबर के बाद बीएसई पर यस बैंक का शेयर लगभग 26 फीसदी मजबूत होकर 36.85 के स्तर पर पहुंच गया। इससे बैंक की बाजार पूंजी लगभग 1,900 करोड़ रुपये बढ़कर 9,400 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गई। फंसे कर्ज यानी एनपीए की समस्या से जूझ रहा यस बैंक इन दिनों नई पूंजी जुटाने पर विचार कर रहा है, लेकिन उसकी योजनाओं को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। मौजूदा संकट के चलते बैंक को दिसंबर, 2019 में समाप्त तिमाही के नतीजे जारी करने में देरी हो गई है। एनपीए में बढ़ोतरी के कारण बैंक की पूंजी भी खासी घट गई है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने एसबीआई की अगुवाई वाले कंसोर्टियम को यस बैंक की बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने को मंजूरी दे दी है। हालांकि इन खबरों के बाद एसबीआई ने शेयर बाजारों में दी फाइलिंग में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि अगर ऐसा कोई घटनाक्रम होता है तो सेबी के नियमों के तहत इसका खुलासा किया जाएगा। एसबीआई ने कहा, 'अगर ऐसा कुछ होता है तो हम सेबी (एलओडीआर) विनियमन, 2015 के नियम 30 के अंतर्गत समयसीमा के पालन के लिए बाध्य होंगे।'

हालांकि यस बैंक ने कहा कि सामान्य तौर पर बैंक अपनी कारोबारी जरूरतों या नियामकीय जरूरतों को पूरा करने के वास्ते विभिन्न निवेशकों को प्रतिभूतियां जारी करके पूंजी जुटाने के विकल्प तलाशती रही है। बैंक ने यह भी कहा कि सेबी के नियमों के तहत वह शेयर बाजार में डिसक्लोजर जारी करेगी। वहीं, शेयर बाजारों ने ऐसी खबरों पर संबंधित पक्षों से स्पष्टीकरण मांगा है।

यस बैंक अगस्त, 2018 से ही उतार-चढ़ाव भरे दौर से गुजर रही है, जब रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने गवर्नेंस और कर्ज देने के तौर-तरीकों को लेकर चिंताओं के बीच बैंक के तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर को 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने के लिए कह दिया था। उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल की अगुवाई में बैंक ने बड़ी मात्रा में फंसी संपत्तियों का खुलासा किया था।

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