BharatPe के मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने दिया इस्तीफा, जानिए क्यों...

 
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BharatPe के मैनेजिंग डाइरेक्टर एवं को-फाउंडर अशनीर ग्रोवर ने दिया इस्तीफा, जानिए क्यों...

भारतपे के दिनों को याद करते हुए ग्रोवर ने बताया कि कैसे उन्होंने स्थापित कंपनियों को टक्कर देकर ब्रांड को आगे बढ़ाया। वह पत्र में कहते हैं, 'मैंने भरतपे को एक बच्चे की तरह पाला है

Deepak Kumawat

जनवरी में जहां फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे के संस्थापक की पत्नी के खिलाफ आरोप लगाए गए थे, जिसके बाद उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को कंपनी ने बर्खास्त कर दिया था वहीं भारतपे के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक अशनीर ग्रोवर ने अब एक पत्र लिखकर कंपनी के बोर्ड में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि सिंगापुर में अपने खिलाफ जांच शुरू करने के लिए फिनटेक प्लेटफॉर्म के खिलाफ दायर मध्यस्थता में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, जिसके चलते यह कदम उठाया गया है।

अशनर ग्रोवर ने चिट्ठी में क्या लिखा
अशनीर ग्रोवर ने अपने पत्र में लिखा है कि, मुझे बहुत दुख है कि जिस कंपनी का मैं संस्थापक हूं, उस कंपनी को मुझे अलविदा कहने के लिए मजबूर किया जा रहा है। मैं कहना चाहूंगा कि आज यह कंपनी फिनटेक की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ में से एक है। 2022 की शुरुआत से ही कुछ लोग मुझ पर और मेरे परिवार पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। जो न केवल मुझे और मेरी प्रतिष्ठा को, बल्कि कंपनी की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
आईआईटी दिल्ली और आईआईएम अहमदाबाद जैसे बड़े संस्थानों से पढ़ाई की है। 'मैं मिडिल क्लास में पैदा हुआ, इसलिए मैं ईमानदारी की कीमत जानता हूं। मेरा पेशेवर करियर भी बेदाग रहा है और अपने करियर में मैंने दो यूनिकॉर्न स्टार्टअप ग्रोफर्स और भारतपे बनाए हैं। मैंने देश के युवाओं को अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रेरित किया है और लाखों लोगों को रोजगार दिया है।
अशनर ग्रोवर

बच्चे की तरह कंपनी का रखा ख्याल

भारतपे के दिनों को याद करते हुए ग्रोवर ने बताया कि कैसे उन्होंने स्थापित कंपनियों को टक्कर देकर ब्रांड को आगे बढ़ाया। वह पत्र में कहते हैं, 'मैंने भरतपे को एक बच्चे की तरह पाला है। जब भारतपे ने यूपीआई क्षेत्र में प्रवेश किया, तो पेटीएम, फोनपे और गूगल पे जैसे दिग्गज पहले ही स्थापित हो चुके थे।

इसके बाद भी मैंने टैलेंटेड टीम की मदद से भारतपे को आगे बढ़ाया और यह कंपनी इंडस्ट्री में लीडर बनकर उभरी। भारत में पहली बार किसी फिनटेक कंपनी को स्मॉल फाइनेंस बैंक का लाइसेंस मिला और बाद में हमने पीएमसी बैंक के जमाकर्ताओं की गाढ़ी कमाई को बचाने की कोशिश की।

कंपनी के बोर्ड को चुनौती

अपने इस्तीफे के अंत में ग्रोवर कंपनी के बोर्ड को चुनौती दी हैं, उन पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हैं। उन्होंने लिखा, 'आपको लगता है कि मेरी उपयोगिता खत्म हो गई है। यह चलन देखा गया है कि स्टार्टअप की सफलता के बाद संस्थापक को बाहर करने के लिए उसे खलनायक बना दिया जाता है। मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ था। हालांकि आप जांच करें। मेरे खिलाफ एक भी गड़बड़ी नहीं मिलेगी। जहां तक ​​बात मेरी है तो मैंने जो वैल्यू बनाई है, आप लोग उसका आधा भी बनाकर दिखा दें. मैंने भारतपे को बनाया है और इसे मौजूदा मुकाम पर पहुंचाया है। यह पहचान मुझसे कोई नहीं छीन सकता।

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