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LPG PRICE: दुनिया में सबसे महंगी LPG भारत में! आखिर क्यों ? समझिए ग्लोबल मार्केट का पूरा गणित

LPG PRICE: भारत में दुनिया की सबसे महंगी एलपीजी कैसे हो गई है, तो इसका (Highest Lpg Price In The World) जवाब है परचेजिंग पॉवर ऑफ करेंसी। लेकिन इसके लिए हमें अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई बातों को समझना पड़ेगा।

ChandraVeer Singh

पेट्रोल और डीजल हो या LPG या हो CNG हमारे रोजमर्रा के जीवन में बिजली के बिना चलने वाले यंत्रों के लिए अहम भूमिका रखते हैं। (Highest Lpg Price In The World) वहीं ज्यादातर व्हीकल चलाने वाले इन सभी ईंधनों की कीमतों में पिछले कुछ दिनों में बेहद तेजी से वृद्धि हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की सबसे महंगी एलपीजी अब भारत में बिक रही है, लेकिन ऐसा हो क्यों रहा है...? इसे यूं समझिए।

इस तरह सबसे महंगी हुई LPG
भारत में दुनिया की सबसे महंगी एलपीजी कैसे हो गई है, तो इसका जवाब है परचेजिंग पॉवर ऑफ करेंसी (purchasing power of currency)। लेकिन इसके लिए हमें अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई बातों को समझना पड़ेगा। वहीं पेट्रोल डीजल की बात करें तो भारत में पेट्रोल की कीमत दुनिया में तीसरी सबसे ज्यादा प्रति लीटर कीमत है, जबकि डीजल के मामले में हम दुनिया में 8वें नंबर पर हैं।
रुपए के परचेजिंग पावर को समझें (Highest Lpg Price In The World)
सीधी-साधी भाषा में समझें तो हम भारत में ही रहकर जितना सामान एक रुपए में खरीदते हैं उसी एक रुपए में हम नेपाल में ज्यादा सामान परचेज कर सकते हैं। जबकि अमेरिका में हम एक रुपये में कुछ भी नहीं पाएंगे। इसके मायने ये कि प्रत्येक मुद्रा या कहें करेंसी के साथ उस संबंधित करेंसी वाले देश के घरेलू बाजार में कितना और क्या सामान खरीदा जा सकता है, यही करेंसी ऑफ पावर है। (purchasing power of currency) विभिन्न देशों की करेंसी की पॉवर ऑफ परचेंजिंग अलग-अलग होती है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में जाते ही मुद्रा की पॉवर ऑफ परचेंजिंग बदल जाती है। इससे उसके घरेलू व्यापार पर असर पड़ता है और वस्तुओं के दाम में घटत और बढ़ोतरी होती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार क्या हिसाब रहता है?
दुनियाभर की करेंसी का ग्लोबर मार्केट में जो भी व्यापार होता है, वो न्यूनतम एक्सचेंज रेट पर किया जाता है। उसी के अनुसार किसी देश की करेंसी ऑफ पावर होती है। वहीं, हर देश में लोगों की आय में काफी अंतर होता है। एक औसत भारतीय के लिए, भारत में एक लीटर पेट्रोल खरीदना उसकी दैनिक आय का एक चौथाई हो सकता है, जबकि एक अमेरिकी के लिए उसकी दैनिक आय का सिर्फ एक हिस्सा।
इस तरह पॉवर ऑफ परचेंजिंग बैलेंस का फॉर्मुला तय किया जाता है, (purchasing power of currency) जो बताता है कि एक देश के नागरिक की पॉवर ऑफ परचेंजिंग दूसरे देश में कितनी रह जाती है। उदाहरण के लिए, यदि आप उस जीवन को समझते हैं जिसे आप भारत में 100 रुपये में जी सकते हैं, तो अमेरिका में वही जीवन जीने के लिए, आपको $ 4.55 (नाममात्र विनिमय दर के अनुसार लगभग 345 रुपये) की आवश्यकता होगी। यानी क्रय शक्ति समता के पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक डॉलर की कीमत 75.84 रुपये के बजाय सिर्फ 22 रुपये है।
$3.5 में एक लीटर LPG
पॉवर ऑफ परचेंजिंग बैलेंस के फॉर्मुले के अनुसार, जब आप गणना करेंगे, तो आप पाएंगे कि हम भारतीय दुनिया में सबसे महंगी रसोई गैस खरीद रहे हैं, क्योंकि हम इसके लिए अंतरराष्ट्रीय डॉलर में 3.5 डॉलर का भुगतान कर रहे हैं। तुर्की और फिजी देश में कीमत हमसे कम है। एक औसत भारतीय पेट्रोल के लिए $5.2 और डीजल के लिए $4.6 का भुगतान कर रहा है।

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