दवा कंपनी संचालित करने वाले लखनऊ के उमेश सिंह को चार दिन पहले कोरोना के लक्षण आए
तो उन्होंने अपनी आरटी-पीसीआर जांच कराई, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आयी।
उनकी हालत बिगड़ती चली गयी तो उन्होंने अपने को,.
आइसोलेट कर बाहर से 50 हजार रुपये खर्च कर जांच करवाई।
रिपोर्ट में कुछ नहीं निकला वह इस समय घर पर ही उपचार करवा रहे हैं।
इसी प्रकार लखनऊ के अंकुश त्रिपाठी को कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखे।
उन्होंने भी आरटी-पीसीआर जांच कराई, जिसमें वह निगेटिव रहे।
लेकिन उनकी हालत बहुत खराब नहीं हुई।
उनके गले में जकड़न और सांस लेने में दिक्कत रही है।
वह आइसोलेशन में अभी अपना इलाज घर पर कर रहे हैं।
अभी कुछ ठीक होंने लगे हैं।
कोरोना की दूसरी लहर का नया स्ट्रेन पहले से बिल्कुल अलग है। लोगों में लक्षण तो आ रहे हैं लेकिन जांच रिपोर्ट में निगेटिव आ रही है। एंटीजन क्या आरटी-पीसीआर जांच से भी मर्ज पकड़ में नहीं आ रहे हैं।
लेक्साई लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड(हैदराबाद) के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) और अमेरिका के ओम ऑन्कोलॉजी के मुख्य वैज्ञानिक राम शंकर उपाध्याय कहते हैं,
उनका मानना है कि मरीज के सैंपल को ठीक से लिया जाना चाहिए। यह देखने की बात है।
सैंपल लेने के लिए ट्रेंड व्यक्ति को दोनों को नाक का सैंपल लेना चाहिए।
नाक के अंदर नेरोफैंजिल कैविटी के अंदर से सैंपल लिया जाना चाहिए।
इसके अलावा मुंह में सैंपल लेने के लिए ओरोफैंजिल कैविटी तक सैंपल स्टिक रूई पहुंचनी चाहिए। इसके अलावा उसे तीन से चार सकेंड घुमाना चाहिए। अगर सैंपल ढंग से नहीं लिया गया तो संक्रमण को पहचानने में दिक्कत होगी।