Coronavirus

अब कोरोना की खेर नहीं, लीची देगी मात ..

Ranveer tanwar

न्यूज़-  लीची की गुणवत्ता वाली फसल, कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित करने में प्रभावी है, न केवल तैयार है, बल्कि जल्द ही बाजार में आ जाएगी। कार्बोहाइड्रेट, विटामिन, कैल्शियम और सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर एक लीची की फसल एक सप्ताह बाद देश के महानगरों सहित अन्य बाजारों में उपलब्ध होगी। आएगा। देश में पहली बार कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन के मद्देनजर किसान इसके मूल्य को लेकर आशंकित है, लेकिन प्रशासन और रेलवे इसके परिवहन को लेकर हर संभव कदम उठाने को तैयार है। राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र मुजफ्फरपुर के निदेशक विशाल नाथ ने कहा कि इस साल बार – बार-बार बारिश और कम तापमान के कारण, लीची की फसल की तैयारी में 10 से 15 दिनों की देरी होती है।

लीची की फसल आम तौर पर 20 मई से बाजार में उपलब्ध थी लेकिन इस बार 30 मई तक बाजार में उतरने की उम्मीद है। डॉ. विशाल नाथ के अनुसार, 100 ग्राम लीची में 16.5 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 0.5 ग्राम प्रोटीन, 171 मिलीग्राम होता है। पोटेशियम की, 10 मिलीग्राम। फॉस्फोरस, 71.5 मिलीग्राम विटामिन सी, पांच मिलीग्राम कैल्शियम, ओमेगा 3 और 6, लोहा, सोडियम और कई अन्य तत्व पाए जाते हैं। बिहार में सालाना लगभग तीन लाख टन लीची का उत्पादन होता है। इसमें से 40 प्रतिशत की खपत महानगरों में होती है जबकि 38 से 40 प्रतिशत की खपत राज्यों के बाजारों में होती है। कुछ लीची का निर्यात किया जाता है जबकि पांच से छह प्रतिशत लीची को संसाधित किया जाता है। इस बार लगभग 15 प्रतिशत लीची प्रसंस्करण योजना तैयार की गई है।

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