उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक शख्स की मौत हो गई, परिजनों ने कोरोना के डर से उसे कंधा तक नहीं दिया। मृतक के तीन बेटे थे लेकिन किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई। इतना ही नहीं पिता को कंधा देने की बजाय बेटों ने जेसीबी बुलवाकर गड्ढा खोदकर उनके शव को मिट्टी के नीचे दबा दिया। पूरे क्षेत्र में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुयी है।
दरअसल, पूरा मामला उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले के थाना बेलहर
क्षेत्र का है। यहां राम ललित नामक व्यक्ति की तबीयत काफी दिनों से खराब
थी। उसके तीन बेटे थे। बेटों ने उसे गोरखपुर के एक निजी अस्पताल भर्ती
करवाया था, जहां उसका इलाज चल रहा था।
हालांकि कई दिनों बाद भी उसकी तबीयत में कोई सुधार नहीं हो रहा था
डॉक्टरों ने उसे कोरोना संक्रमित बता दिया। ऐसे में बेटे कोरोना की बात सुनकर अवाक रह गए। उन्होंने कहीं और इलाज कराने की बात कहकर पिता की अस्पताल से छुट्टी करवा दी और उन्हें लेकर घर आ गए। कुछ दिन बाद ही मरीज की मौत हो गई।
मरीज की मौत होने के बाद परिजनों ने उसके शरीर को छूने की जरूरत नहीं समझी। गांव के कुछ लोग आगे आए लेकिन परिजनों ने कोरोना का हवाला देकर उन्हें मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने जेसीबी मंगवाकर एक गड्ढा खुदवाया और उसी जेसीबी पर शव को रखकर गड्ढें में दफन कर दिया।
पड़ोसियों ने बताया कि मृतक काफी दिनों से टीबी का मरीज था, जिससे उसकी तबीयत काफी बिगड़ चुकी थी। बच्चों ने उसे कोरोना संक्रमित समझकर मुखाग्नि देने से इनकार कर दिया और उन्हें जेसीबी के माध्यम से जमीन में दफन करवा दिया।
वहीं मृतक के बेटों ने बताया कि निजी अस्पताल ने उन्हें कोरोना बताया था। लोगों की सुरक्षा को दिखते हुए शव को किसी को छूने नहीं दिया गया। पिता को गांव के बाहर खेत में दफन कर दिया गया है।