Kuldeep Choudhary
अपराध

Rajasthan: अब दौसा में टीचर ने तोड़ा दलित छात्र का हाथ, 20 दिन बाद FIR..क्यों?

दलित छात्र को पीटने का राजस्थान में चौथा मामला सामने आया है। जालोर, उदयपुर और बाड़मेर के बाद अब दौसा में भी दलित छात्र को पीटकर हाथ तोड़ने का मामला दर्ज हुआ है, लेकिन घटना के 20 दिन बाद FIR दर्ज करवाई गई है। इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं।

Kuldeep Choudhary

राजस्थान में दलित स्टूडेंट की पिटाई और मौत का विवाद अभी थमा भी नही था कि राजस्थान के अलग-अलग जिलों से एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। जालोर, उदयपुर और बाड़मेर के बाद अब दौसा के सिकंदरा थाना क्षेत्र से ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां आरोप है कि शिक्षक ने एक दलित छात्र की पिटाई कर हाथ तोड़ दिया है। घटना पांच अगस्त को घटित हुआ लेकिन एफआईआर 25 अगस्त को हुई है।

5 अगस्त का है मामला

मामला जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र का है। यहां के गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल कैलाई में पढ़ने वाले रोहित महावर (10) के पिता विनोद महावर ने गुरुवार को मामला दर्ज कराया है। पिता का आरोप है कि रोहत पांचवी क्लास में है, उसने पांच अगस्त को टीचर रामेश्वर प्रसाद से पढ़ाने के लिए कहा तो टीचर ने उसके बेटे को बेरहमी से लात मारी जिससे रोहित गिर गया और उसकी कोहनी में फ्रैक्चर हो गया। आरोप ये भी है कि हेडमास्टर दोषी अध्यापक को बचाने की कोशिश कर रहे है, जब परिजनों ने मामले की जानकारी हेडमास्टर को दी तो उन्होंने उल्टे परिजनों को धमकाया और मामले के बाद वे कुछ दिन अवकाश पर भी चले गए थे।

आरोप निराधार झूठे है। बच्चा 5वीं कक्षा में है और मै कक्षा 6 से 8 पढ़ता हूँ। जिस वक्त की घटना बताई जा रही है उस वक्त एक क्लास में पीरियड ले रहा था। मामला सच होता तो उसी वक्त सामने आता। रामेश्वर ने कहा कि स्कूल में स्टाफ में ग्रुपबाजी चल रही है, यह साजिश है।
रामेश्वर प्रसाद गुर्जर, आरोपी टीचर

छात्र के परिजनों ने कलेक्टर कमर चौधरी को शिकायत दी। जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए गए। अब इस मामले में सिकंदरा पुलिस थाने में टीचर रामेश्वर गुर्जर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

FIR घटना के 20 दिन बाद क्यों

घटना 5 अगस्त को घटित हुई परन्तु उस वक्त ऐसी कोई बात सामने नहीं आई और फिर अचानक से 20 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज करवाई जाती है कि टीचर ने छात्र को पीटकर उसका हाथ तोड़ दिया, वहीं टीचर भी अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार झूठे बता रहें है और स्कूल स्टॉफ कि गुटबाजी के बारे में भी बताया है। इससे लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे है।

लोगों को शक है कि राजस्थान में एक के बाद एक सामने आने वाले दलित छात्र की पिटाई के केस किसी बड़ी साजिस का हिस्सा तो नहीं है? वहीं कुछ लोगों का कहना ये भी है समाज में नफरत का माहौल पैदा करने के लिए जातिवाद का रूप देकर लोगों को भड़काया जा रहा है। फ़िलहाल मामले की जाँच चल रही है और जाँच के बाद ही पता चलेगा की आखिर क्या मसला है ?

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