प्रीति जैन, पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़

 
अपराध

दगाबाज दोस्त की कहानी, खुद का बीमा क्लेम उठाने के लिए की दोस्त की हत्या

आरोपित ने पूछताछ में स्वीकारा है कि उसके ऊपर काफी कर्जा हो रखा है, और स्वयं ने पॉलिसी करवाई हुई थी। इसका करीब 60-70 लाख रुपये का क्लेम प्राप्त करने की नियत से उसने सन्तोष कुमार मीणा की हत्या कर दी

Deepak Kumawat

चित्तौडग़ढ़ से गोपाल चतुर्वेदी की रिपोर्ट: कभी आपने सुना है की किसी व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद वो जिंदा घूम सकता है? ऐसा ही मामला चित्तौडग़ढ़ से सामने आया है। शहर के सदर थाना इलाके में गत दिनों सड़क हादसे में मृतक के जिंदा निकलने के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। पैसों के लालच में आकर आरोपित ने दोस्त की हत्या कर 60-70 लाख रुपए का बीमा क्लेम करवाने के लिए खुद की मौत का षडयंत्र रचा था। मामले में पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार किया है और जांच शुरू कर दी है।

एक्सीडेंट की सुचना पर मौके पर पहुंची पुलिस
एएसआई सोहनलाल थाना सदर चित्तौड़गढ़ पुलिस कन्ट्रोल रूम की एक्सीडेंट की सूचना पर 19 मार्च को रिठोला चौराए पर मौके पर पहुंचे। यहां एक अज्ञात व्यक्ति की लाश और बाइक मौके पर मिली तथा शव का चेहरा बिगड़ा हुआ था। शरीर पर जगह जगह रगढ़ के निशान थे। बाइक भी क्षतिग्रस्त हालत में पाई गई। जगह जगह पर बाइक के टूटे हुये पार्टस पड़े हुये पाये गये। मृतक के कपड़े में पर्स मिला जिसमें आधार कार्ड, पेन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, ड्राईविंग लाईसेन्स व रविन्द्रसिंह का मोबाईल मिला। इसके आधार पर मृतक की पहचान रविन्द्रसिंह (35) पुत्र मोतीसिंह राजपूत निवासी सतपुडा डोरीया के रुप में की गई। पुलिस ने शव का पंचनामा तैयार कर पोस्टमार्टम कराया एवं लाश को अन्तिम संस्कार के लिए परिजनों को सुपुर्द की गई।

जिसे रविन्द्रसिंह समझा वो निकला सन्तोष कुमार

पुलिस ने मामले की जांच शुरू की इसी दौरान 23 मार्च को थाना भदेसर से सूचना प्राप्त हुई कि रविन्द्रसिंह को हिरासत में लिया गया है, जिसके परिजनों से जानकारी ली गई तो पता चला की 19 मार्च को ही रविन्द्रसिंह की हादसे में मृत्यु हो गई। इस पर रविन्द्रसिंह से पूछताछ की तो उसने बताया कि सन्तोष कुमार पुत्र किरणलाल मीणा निवासी रामपुरीया जिला प्रतापगढ़ की उसने हत्या कर दी। इसके बाद शव को हाईवे पर डाल दिया तथा बाइक को भी डैमेज कर रोड़ पर डाल दिया और हादसे का रूप देने के लिये बाइक को जगह जगह से डेमेज किया। शव की सही शिनाख्त नहीं हो इस कारण उसके मुह पर पत्थर मारा तथा जगह जगह रगड़ के निशान बनाये।

खुद की पहचान छुपाने के लिए काट दिया हाथ का पंजा
आरोपित रविंद्रसिंह के हाथ पर एक निशान था, जिससे पहचान हो सकती थी, ऐसे में उसने मृतक के हाथ का पंजा काटकर खुद का आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, पेन कार्ड एवं ड्राइविंग लाईसेन्स, पर्स के तथा मोबाईल सन्तोष कुमार मीणा की जेब में रखे थे। पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया कि उसने स्वयं के कपड़े मृतक संतोष को पहनाये थे, जिससे घर वालों को मरने पर पहचान हो सके।
आरोपित ने पूछताछ में स्वीकारा है कि उसके ऊपर काफी कर्जा हो रखा है, और स्वयं ने पॉलिसी करवाई हुई थी। इसका करीब 60-70 लाख रुपये का क्लेम प्राप्त करने की नियत से उसने सन्तोष कुमार मीणा की हत्या कर दी। इस पर पुलिस ने रविन्द्रसिंह को हत्या, षडयंत्र रचने और साक्ष्य मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
प्रीति जैन, पुलिस अधीक्षक

पुलिस अधिकारी बुद्धराज टांक के नेतृत्व में आगे की तफ्तीश जारी है ।

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