अपराध

बेईमानी में ईमानदारी की झलक, रिश्वत लेते गिरफ्तार एम्स भोपाल के उप निदेशक

Deepak Kumawat

डेस्क न्यूज़- एक लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार एम्स भोपाल के उप निदेशक (प्रशासन) धीरेंद्र प्रताप सिंह ने भी बेईमानी में ईमानदारी दिखाई, जांच में पता चला कि धीरेंद्र को फार्मासिस्ट पर इतना भरोसा था कि व्हाट्सएप कॉलिंग पर रिश्वत की डील के बाद उनका 40 लाख रुपये का बिल पास हो गया।

रिश्वत लेने अपने घर के पास शाहपुरा पहुंचे

बिल पास होने के बाद वह रिश्वत लेने अपने घर के पास शाहपुरा पहुंचे, जहां सीबीआई ने 1 लाख रुपए लेते हुए ट्रैप किया, अब तक की जांच में पता चला है कि धीरेंद्र के पास करीब दो करोड़ रुपये की संपत्ति है, इससे और संपत्ति का खुलासा हो सकता है, जांच एजेंसी ने बैंक से धीरेंद्र और उसके परिवार का ब्योरा मांगा है।

धीरेंद्र को 1 अक्टूबर तक के रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया

सीबीआई ने रविवार को आरोपी को कोर्ट में पेश किया, कोर्ट ने धीरेंद्र को 1 अक्टूबर तक के रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया है, आपको बता दें, शनिवार को सीबीआई ने एम्स के डिप्टी डायरेक्टर को 1 लाख रुपये लेते हुए पकड़ा था, सीबीआई के एसपी पीके पांडेय ने लोगों से अपील की कि रिश्वत लेने वालों की शिकायत तत्काल सीबीआई से करें।

दादा ब्रिटिश जमाने के वकील थे और पिता एएसपी

धीरेंद्र मूल रूप से रीवा के रहने वाले हैं, उनके पिता जय सिंह मध्य प्रदेश पुलिस में एएसपी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे, जय सिंह की मौत हो गई है, धीरेंद्र के दादा अंग्रेजों के जमाने में वकील थे, रीवा में धीरेंद्र के पास पुश्तैनी संपत्ति भी है, धीरेंद्र के दो बेटे हैं, एक बेटा ग्वालियर डीपीएस में पढ़ रहा है, जबकि दूसरा बेटा जबलपुर में ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा है, पत्नी गृहिणी है।

ससुर ने दिए 7 लाख रुपये

सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि धीरेंद्र जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, वह जांच को प्रभावित करने के लिए लगातार गुमराह कर रहा है, उसके ब्रीफकेस से करीब 7 लाख रुपये बरामद हुए, बताया गया कि पैसे उसके ससुर ने दिए थे, उनके ससुर उनके वकील रह चुके हैं, उनका निधन इसी साल कोरोना काल में हुआ था, सीबीआई अधिकारियों का कहना है कि म्यूचुअल फंड में निवेश किए गए 80 लाख रुपये की भी जानकारी जुटाई जा रही है।

IIITM ग्वालियर, AMPRI, IIFM . में पोस्ट किया गया

धीरेंद्र सिंह IIITM ग्वालियर में डिप्टी रजिस्ट्रार थे, इसके बाद साल 2017 में प्रमोशन मिलने के बाद वे ज्वाइंट रजिस्ट्रार बने, इस बीच अप्रैल 2017 में उन्हें आईआईएफएम भोपाल में प्रतिनियुक्ति पर प्रतिनियुक्ति पर तैनात किया गया था, वर्ष 2005 में, वह उन्नत सामग्री और प्रक्रिया अनुसंधान संस्थान (एएमपीआरआई), भोपाल में अनुभाग अधिकारी थे, दिसंबर 2020 में एम्स के उप निदेशक बने।

उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषड़ आग से 3 की मौत, CM धामी ने किया निरीक्षण

Adhyayan Suman ने याद किये स्ट्रगल के दिन, 'पेंटहाउस एक लग्जरी जेल की तरह लगता था'

Big News: राहुल गांधी की इंटरनेशनल बेइज्जती, जिस गैरी कास्परोव को बताया फेवरिट चेस प्लेयर, उन्हीं ने कहा – 'पहले रायबरेली जीत के दिखाओ'

Fake Video: अमित शाह फर्जी वीडियो केस में अब अरुण रेड्डी गिरफ्तार, चलाता है ‘स्पिरिट ऑफ कांग्रेस’ नाम से हैंडल

Zeenat Aman ने जानवरों पर हो रहें अत्याचार को लेकर जताया दुख, को-एक्टर्स से की यह अपील