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Digital Currency vs UPI: आ गया डिजिटल रुपया, कैसे होगा इस्तेमाल, कितना है यूपीआई से अलग, जानिए हर सवाल का जवाब...

देश की पेमेंट सुविधा को और भी आसान बनाने के लिए भारत सरकार आज यानि मंगलवार से डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रही है। पहले डिजिटल रूपी को समझते हैं, फिर यूपीआई (UPI) और इसके अंतर को समझेंगे।

Ravesh Gupta

Digital Currency vs UPI: वैसे तो आजकल हर जगह कैश कैरी करने की जरूरत रह नहीं गई है लेकिन देश की पेमेंट सुविधा को और भी आसान बनाने के लिए भारत सरकार आज यानि मंगलवार से डिजिटल करेंसी लॉन्च करने जा रही है।

बता दें कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जल्द ही वो देश में अपनी डिजिटल करेंसी को रोलआउट करने वाले हैं और आज 1 नवंबर से इसकी शुरूआत की जा रही है।

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) का पहला पायलट प्रोजेक्ट डिजिटल रुपया (Digital Rupee) मंगलवार को लॉन्च करने जा रहा है। इसका इस्तेमाल सरकारी सिक्यूरिटी के लेनदेन में होगा। यह सिर्फ थोक कारोबार के लिए होगा।

एक महीने के अंदर इसको चुनिंदा व्यापारियों और ग्राहकों के लिए लॉन्च किया जाएगा। यूं तो देश में यूपीआई (UPI) के जरिए डिजिटल ट्रांसेक्शन होते है लेकिन डिजिटल रूपी यूपीआई (UPI) से थोड़ा सा अलग है। पहले डिजिटल रूपी को समझते हैं, फिर यूपीआई (UPI) और इसके अंतर को समझेंगे।

Digital Currency vs UPI: 9 बैंक ले रहे डिजिटल रूपी में हिस्सा

Digital Currency vs UPI: RBI ने 7 अक्टूबर 2022 को कहा था कि वह जल्द ही इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू करेगा। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान डिजिटल रुपए का इस्तेमाल सीमित रखा गया है।

पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों का विश्लेषण केंद्रीय बैंक दिया किया जाएगा। इसके बाद उसे व्यापक रूप से बाजार में लाया जाएगा। डिजिटल रुपये से बैंकों का ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम होगा।

रिजर्व बैंक के अनुसार फिलहाल देश के 9 बड़े बैंक इस पायलेट प्रोजेक्ट में हिस्सा ले रहे हैं।

इस प्रोजेक्ट में भारतीय स्टेट बैंक (State Bank Of India), बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank of Baroda), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), यस बैंक (Yes Bank), आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) और एचएसबीसी बैंक (HSBC Bank) हिस्सा लेने के सेलेक्ट किया गया है।

Digital Currency vs UPI: कैसे किया जाएगा इसका इस्तेमाल

Digital Currency vs UPI: आरबीआई की ओर से कुछ दिन पहले शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, CBDC (Central Bank Digital Currency) एक पेमेंट का माध्यम होगा, जो सभी नागरिक, बिजनेस, सरकार और अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा।

इसकी वैल्यू लीगल टेंडर नोट यानि कि मौजूदा करेंसी के बराबर ही होगी। देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी, या रखने की जरूरत ही नहीं होगी। 

सीधे शब्दों में समझें तो ये एक क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह होगा। आपके फोन में एक अलग ऐप होगा जिसके जरिए आपने कॉइन यानि कि डिजिटल रूपी को ट्रैक कर पाएंगे और इनका भुगतान कर पाएंगे। जैसे किसी अन्य क्रिप्टो करेंसी में यूपीआई (UPI) या अन्य माध्यमों से रूपयों को कॉइन में बदला जाता है उसी तरह यहां भी रूपयों को डिजिटल रूपी यानि कि डिजिटल कॉइन बदला जाएगा और इस लेखा जोखा आपके मोबाइल वालेट यानि कि उस ऐप पर दिखेगा।

Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) से कैसे अलग है डिजिटल करेंसी

Digital Currency vs UPI: आज हर व्यक्ति डिजिटल लेनदेन के नाम पर यूपीआई (UPI) या नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करता है। जिसने देश को कैशलेश करने में बड़ी भूमिका निभाई है। अब ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि डिजिटल करेंसी यूपीआई (UPI) से किस तरह अलग है।

पीडब्ल्यूसी इंडिया के पार्टनर और पेमेंट्स ट्रांसफॉर्मेशन लीडर, मिहिर गांधी बताते हैं, 'डिजिटल रुपया अपने आप में अंडरलाइंग भुगतान मोड होगा जिसका उपयोग करेंसी/कैश के बदले डिजिटल भुगतान के लिए किया जा सकेगा। UPI और IMPS आदि जैसे भुगतान फंड ट्रांसफर करने के लिए अंतर्निहित मुद्रा/नकदी का उपयोग करते हैं। इस मामले में, यह उम्मीद की जाती है कि डिजिटल रुपया से भुगतान सहज लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए हो सकता है। वर्तमान में, UPI भुगतान मौजूदा मुद्रा नोटों के डिजिटल समकक्ष का उपयोग करके किया जाता है। इसका मतलब है कि UPI के जरिए ट्रांसफर किया गया हर रुपया फिजिकल करेंसी से चलता है।
वहीं इसके अलावा नॉनब्लॉक्स ब्लॉकचैन स्टूडियो के संस्थापक और निदेशक विंशु गुप्ता के अनुसार कि यूपीआई (UPI) भुगतान वर्तमान में आरबीआई के साथ लेनदेन करने वाले बैंकों के निपटान पर निर्भर करता है, डिजिटल रुपी सीधे आरबीआई से लेनदेन करेगा, इसलिए इसे तुरंत सुलझा लिया जाएगा। बता दें कि UPI ट्रांजेक्‍शन सीधे बैंक से बैंक में होता है, यूपीआई (UPI) वर्चुअल पेमेंट एड्रेस और आइडेंटिटी का इस्‍तेमाल करता है।

Digital Currency vs UPI: यूपीआई (UPI) की मौजूदगी के बीच इसकी क्या है जरूरत?

Digital Currency vs UPI: डिजिटल रुपए की घोषणा के बाद से एक असमंजस की सी स्थिति लगातार बनी हुई है कि जब पहले से यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल भुगतान माध्यम उपलब्ध हैं तो फिर 'डिजिटल रुपए' की जरूरत क्या है?

तो इसका जवाब हम आपको बता दें कि जब कोई ग्राहक यूपीआई (UPI), भीम या अन्य डिजिटल माध्यमों से भुगतान करता है तो इस स्थिति में बैंक को उसके हर रुपए की लेन-देन के लिए भौतिक करेंसी का मेंटेनेंस करना अनिवार्य होता है। जबकि डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के जरिए अधिकारिक मुद्रा होगी, जिसके लिए बैंकों को भौतिक मुद्रा के मेंटेनेंस की दुविधा नहीं रह जाएगी। इससे आरबीआई करेंसी की छपाई और वितरण पर होने वाले हजारों करोड़ रुपए के खर्च को भी बचा सकेगी।

Digital Currency vs UPI: इसके अलावा एक बड़ा अंतर यह भी है कि यूपीआई (UPI) अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों से किए गए डिजिटल लेनदेन में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल है, जबकि डिजिटल रुपए में बैंकिंग सिस्टम का उपयोग शामिल नहीं होगा और यह वित्तीय संस्थानों के बजाय केंद्रीय बैंक आरबीआई की प्रत्यक्ष गारंटी होगी। अर्थात कोई भी गलत ट्रासेक्शन होने पर किसी बैंक से कोई संपर्क नहीं करना पड़ेगा। जिम्मेदारी केंद्रीय बैंक की होगी।

साथ ही यूपीआई (UPI) व अन्य ट्रासेक्शन होने का पूरा रिकॉर्ड अब तक बैंक के पास रहता था लेकिन डिजिटल रूपी के मामले में पूरा लेखा जोखा सिर्फ केन्द्रीय बैंक के पास होगा।

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