Defence

क्यों इंडिया गेट पर 50 साल से जल रही Amar Jawan Jyoti अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलेगी, मोदी सरकार ने बता दी वजह

ChandraVeer Singh

नई दिल्ली के इंडिया गेट पर बीते 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का शुक्रवार को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलती ज्योति में विलय किया जाएगा। इसे लेकर अब विपक्ष बड़ा मुद्दा बना रहा है। वहीं इसे लेकर सरकार ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। सरकार ने सफाई दी है कि अमर जवान ज्योति की लौ बुझी नहीं है। इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लो में विलय किया जा रहा है।

सरकार ने स्पष्ट किया ये बेहद अजी था कि अमर जवान ज्योति की लौ 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों को श्रद्धांजलि दे रही है, लेकिन वहां कोई नाम मौजूद नहीं है। सरकार ने बताया कि इंडिया गेट पर केवल कुछ शहीदों के ही नाम हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और एंग्लो-अफगान युद्ध में अंग्रेजों के लिए लड़ाई लड़ी और इस प्रकार हमारे कोलोनियल हिस्ट्री का प्रतीक है।

सरकार ने कहा कि 1971 और उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी युद्धों के सभी भारतीय शहीदों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर अंकित हैं। इसलिए शहीदों को यहां श्रद्धांजलि देना सच्ची श्रद्धांजलि है।

अमर जवान ज्योति लगातार कैसे जलती रहती है?
अमर जवान ज्योति लगातार जलती रहती है। इसमें चारों ओर चार कलश रखे हुए हैं जिनकी लौ कभी नहीं बुझती। हालांकि साल भर एक ही कलश की लौ जलती रहती है। हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर चारों कलशों की लौ जलाई जाती हैं। 2006 तक, उन्हें जलाने के लिए लिक्विड पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) का उपयोग किया जाता था। फिर अमर जवान ज्योति को जलाने के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) का इस्तेमाल होने लगा। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आईजीएल) पीएनजी की आपूर्ति करती है। सुरक्षित और सस्ती होने के कारण एलपीजी से पीएनजी में जाने का फैसला इसलिए किया गया।
खास तरह की पाइपलाइन बिछी, हर लौ के लिए अलग बर्नर
अमर ज्योति जवान को पीएनजी से प्रज्वलित रखने के लिए कस्तूरबा गांधी मार्ग से ज्योति तक करीब आधा किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई गई। प्रत्येक ज्योति को जलाने के लिए अलग बर्नर की व्यवस्था की गई है। जब इसे एलपीजी से जलाया जाता था तो ज्योति सिलेंडर में डेढ़ दिन तक जलती थी। स्मारक की छत पर सिलेंडर रखे जाते थे।
जिन्होंने सत्ता में रहते सात दशक तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनाने की सुध नहीं ली वो लोग शहदों को स्थायी और सच्ची श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे
सरकार ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन लोगों ने 7 दशकों तक राष्ट्रीय युद्ध स्मारक नहीं बनाया, वे अब हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं।

इंदिरा गांधी ने किया था अमर जवान ज्योति का उद्घाटन

इससे पहले गुरुवार को सेना के अधिकारियों ने कहा कि अमर जवान ज्योति का शुक्रवार दोपहर को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जलती हुई ज्योति के साथ विलय किया जाएगा, जो इंडिया गेट के दूसरी तरफ से सिर्फ 400 मीटर की दूरी पर स्थित है।

बता दें कि अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी। इस युद्ध में भारत की जीत हुई और बांग्लादेश अस्तित्व में आया। इसका उद्घाटन 26 जनवरी 1972 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था।

25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। जहां 26,466 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे गए हैं।

नौसेना प्रमुख एडमिरल बोले अमर जवान ज्योति अस्थाई थी, जवानों के नाम भी नहीं थे, अब राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हमारा स्थाई युद्ध स्मारक आजादी से लेकर सभी के नाम हैं यहां अंकित

अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट से नेशनल वॉर मेमोरियल ले जाने के सरकार के फैसले पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं. कई पूर्व सैनिकों ने भी इसे न हटाने की अपील करते हुए कहा है कि यह उनकी भावनाओं से जुड़ा है।

दिसंबर 2021 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के 50 साल पूरे हो गए हैं। वॉर मेमोरियल तक ले जाने के समर्थकों का कहना है कि जवानों की याद में पहले से ही एक रोशनी है।

अमर जवान ज्योति स्थान केवल शहीदों को सम्मान देने के लिए बनाया गया था। पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल अरुण प्रकाश ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में कहा कि अमर जवान ज्योति को इंडिया गेट पर अस्थाई रूप से लगाया गया था। अब जब हमारा अपना एक युद्ध स्मारक है, तो उसे वहीं ले जाना बेहतर होगा।

राहुल बोले-  हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!

राहुल गांधी ने ट्वीट किया- हम अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे

इस इश्यू पर पॉलिटिक्स भी शुरू हो गई है। राहुल गांधी ने सरकार के इस फैसले की आलोचना की और इसे दुख की बात बताया है। उन्होंने ट्वीट किया- बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम व बलिदान नहीं समझ सकते- कोई बात नहीं… हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएंगे!

25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। जहां 26,466 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे गए हैं।

1947 से लेकर अब तक देश की रक्षा के लिए शहीद हुए सभी 26,466 जवानों के नाम नेशनल वॉर मैमोरियल की दीवार पर अंकित

25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था। जहां 26,466 सैनिकों के नाम सुनहरे अक्षरों में लिखे गए हैं। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय शहीद हुए जवानों के नाम हैं, जिन्होंने 1947-48 के पाक के साथ युद्ध से लेकर चीनी सैनिकों के साथ गलवान घाटी संघर्ष तक विभिन्न अभियानों में अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।

वहीं युद्ध स्मारक की दीवारों पर उन सैनिकों के नाम भी हैं जिन्होंने आतंकवाद विरोधी अभियानों में अपनी जान गंवाई।

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