Gujarat election 2022

Gujarat Election 2022: कांग्रेस देगी कड़ी टक्कर, बनाया सीक्रेट प्लान; जानें कांग्रेस की नई रणनीति

गुजरात चुनाव को लेकर अब तक खामौश दिख रही कांग्रेस अब बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की तैयारियों में जुट गई है। गुजरात में कांग्रेस कई समुदायों को साधने की कोशिश कर रही है, वहीं कुछ सीक्रेट प्लान भी है जिससे भाजपा और आप पार्टी में भी बेचेनी दिख रही है।

Om Prakash Napit

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी-कांग्रेस अपनी कमर कस चुकी है। पिछले 27 सालों से कांग्रेस जहां एक तरफ राज्य में अपनी पैठ बनाने की कोशिश में लगी हुई है, वहीं कांग्रेस ने भी अपनी नई रणनीति बना ली है। साथ ही कांग्रेस ने एक सीक्रेट प्लान भी तैयार किया है, जिसके जरिये पार्टी सत्ताधारी दल भाजपा को घेरकर सत्ता वापसी का भरसक प्रयास करेगी। गुजरात चुनाव को लेकर अब तक खामौश दिख रही कांग्रेस की नई रणनीति ने भाजपा और आम आदमी पार्टी की भी धड़कने बढ़ा दी है।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले गुजरात में रैली करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाजपा कार्यकर्ताओं को इस बाबत आगाह कर चुके। कांग्रेस अब ग्राउंड लेवल पर फोकस करने का निर्णय बना बैठी है। इसलिए पार्टी (आदिवासी, मुस्लिम, दलित, पिछड़ा वर्ग और पटेल) समुदाय को साधने में लग गई है। कांग्रेस पार्टी कोशिश कर रही है कि बीजेपी को इस बार कड़ा मुकाबला दिया जाए और एक बार सत्ता में फिर वापस आने की कोशिश की जाए। खरगे के नेतृत्व में हाल ही केंद्रीय चुनाव समिति की हुई बैठक में नई रणनीति बनाई गई।

29 अक्टूबर को गुजरात आएंगे कांग्रेस अध्यक्ष

हाल ही में हुई बैठक में कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों के चयन में भी इसी समीकरण का खास ध्यान रख रही है और प्रचार प्रसार और नारों में भी झुकाव इसी समीकरण की ओर रहेगा। गुजरात चुनाव के मद्देनजर जल्द ही पार्टी के नए अध्यक्ष खरगे 29 अक्टूबर को आदिवासी बहुल नवसारी का दौरा करेंगे। उनके अलावा, राहुल, प्रियंका और बाकी बड़े नेताओं के कार्यक्रम भी बनाये जा रहे हैं।

हालंकी कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा गुजरात होकर नहीं गुजरेगी लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस अंदर खाने पार्टी को गुजरात में मजबूत करने और अपनी को वोट हासिल करने में लग गई है। पार्टी ने करीब 1।65 करोड़ लोगों को डोर टू डोर राहुल गांधी के आठ वचन पत्र बांटे हैं।

31 अक्टूबर से कांग्रेस की 'परिवर्तन संकल्प' यात्रा

इसके अलावा कांग्रेस 31 अक्टूबर से राज्य के पांच क्षेत्रों में 'परिवर्तन संकल्प' यात्रा निकालेगी। वैसे गुजरात विधानसभा के चुनाव के लिए अभी तारीखों की घोषणा नहीं हुई है। परिवर्तन संकल्प में राजस्थान व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री मौजूद रहेंगे वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्मयंत्री दिग्विजय सिंह एवं कमलनाथ तथा वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक पांच अलग-अलग शहरों से इस यात्रा की शुरूआत करेंगे।

राज्य के 182 विधानसभा क्षेत्रों में से 175 क्षेत्रों से यह यात्रा गुजरेगी और हर यात्रा करीब एक सप्ताह तक चलेगी। दुसरी पर सत्तारूढ़ बीजेपी ने गुजरात गौरव यात्रा का आयोजन किया था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के लिए कई रैलियों को संबोधित किया है।

मजबूत तैयारी का सीक्रेट प्लान

गुजरात के इस चुनावी महायुद्ध में भाजपा और आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता जोर-शोर से उतर चुके हैं। बीजेपी की ओर से खुद पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे दिग्गज यहां की चुनावी बागडोर संभाले हैं तो वहीं आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

फिलहाल प्रचार में शांत दिख रही कांग्रेस की इस चुप्पी को राजनीतिक विश्लेषक उसका सीक्रेट प्लान मान रहे हैं। ऐसा प्लान जो गुजरात में जीत की गारंटी भी बन सकता है। बेशक गुजरात में कांग्रेस का एक भी बड़ा नेता अब तक नहीं पहुंचा, लेकिन ऐसा नहीं है कि चुनाव के लिए कांग्रेस ने कोई तैयारी ही नहीं की।

कांग्रेस के कार्यकर्ता पूरी तरह से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं, लेकिन ये सब बेहद शांति से किया जा रहा है, माना जा रहा है कि ये मंत्र खुद गुजरात के प्रभारी बनाए गए राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत देकर गए थे, ताकि विरोधियों को ऐसा लगे कि कांग्रेस कमजोर पड़ रही है और ठीक वक्त पर सही चाल चलकर उन्हें पस्त किया जा सके।

हर वर्ग को साधने का प्रयास

कांग्रेस ने अभी तक गुजरात में कोई बड़ी रैली नहीं की है, लेकिन विधानसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क करने के मामले में वह अव्वल है, खासकर ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों पर पार्टी की मजबूत पकड़ है, इसीलिए सबसे ज्यादा फोकस इन्हीं पर किया जा रहा है। इसके लिए कांग्रेस ने विशेष तौर पर लोकसभा क्षेत्रों में विशेष प्रभारियों की नियुक्ति की गई है। इसके अलावा पार्टी ने प्रदेश इकाई में सात कार्रवाई अध्यक्ष बनाए हैं ताकि हर वर्ग को साधा जा सके।

जीत के आसार वाली सीटों पर नजर

कांग्रेस नेताओं का फोकस प्रदेश की उन मजबूत सीटों पर है जिन पर पार्टी की जीत के आसार ज्यादा हैं, जहां पर जीत की संभावनाएं कमजोर हैं वहां की ताकत को पार्टी मजबूत सीटों पर ही इस्तेमाल करने की योजना बना रही है। भाजपा नेताओं को भी कांग्रेस के इस सीक्रेट प्लान का अहसास है, पिछले दिनों एक रैली के दौरान खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र किया था और भाजपा कार्यकर्ताओं को इनसे सावधान रहने का आगाह किया था।

जादूगर गहलोत का साथ

कांग्रेस की मजबूती पार्टी में ‘जादूगर’ कहे जाने वाले अशोक गहलोत का साथ भी है। बेशक राजस्थान संकट और कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के दौरान पनपे विवाद के बाद से ऐसा माना जा रहा था कि पार्टी में उनकी साख कमजोर हुई है, लेकिन पिछले दिनों नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कार्यभार संभालने के दौरान प्रमुख लोगों में उनकी उपस्थिति फिर एक बार भरोसा दिला गई वह आलाकमान के सबसे खास लोगों में अभी भी शामिल हैं। राजनीति पर अच्छी पकड़ रखने के साथ-साथ वह चुनावी रणनीति बनाने में भी माहिर है, दो बार राजस्थान में उठे सियासी तूफान से बाहर निकलकर उन्होंने ये दिखा भी दिया है।

आक्रामक प्रचार की योजना

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अब तक व्यस्त रही कांग्रेस ने छोटे स्तर पर चुनाव प्रचार कर अपनी ताकत को बचाकर रखा है, पिछले दिनों गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन भाई मोडवाडिया ने भी इसके संकेत दिए थे, उन्होंने कहा था कि कांग्रेस का मिशन जनसंपर्क रफ्तार पकड़ रहा है, दीपावली के बाद से आक्रामक प्रचार किया जाएगा। इसके लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अन्य बड़े नेताओं के कार्यक्रम प्लान किए जा रहे हैं जल्द ही इन्हें अंतिम रूप दे दिया जाएगा।

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