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UP VOTING LIVE : तमाम शिकायतों के बीच पहले चरण में धीमा मतदान

सभी जगहों से धीमी गति से मतदान की खबर है जबकि कई जगहों पर तकनीकी खामियों की भी शिकायतें मिली हैं और कुछ जगहों पर मामूली झड़पों की भी खबर है. दिल्ली से लगे गाजियाबाद जिले में कुछ मतदान केंद्रों पर जब लोग पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनका वोट पोस्टल बैलट के जरिए पहले ही डाला जा चुका है.

समीरात्मज मिश्र वरिष्ठ पत्रकार

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों पर मतदान जारी है. सभी जगहों से धीमी गति से मतदान की खबर है जबकि कई जगहों पर तकनीकी खामियों की भी शिकायतें मिली हैं और कुछ जगहों पर मामूली झड़पों की भी खबर है.

दिल्ली से लगे गाजियाबाद जिले में कुछ मतदान केंद्रों पर जब लोग पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनका वोट पोस्टल बैलट के जरिए पहले ही डाला जा चुका है.

गाजियाबाद शहर विधानसभा सीट स्थित सेठ मुकुंद लाल कॉलेज में 71 वर्षीया नसीमा अपने बेटे के साथ वोट डालने के लिए पहुंचीं लेकिन बूथ पर तैनात निर्वाचन कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि उनका वोट पहले ही पोस्टल बैलेट के जरिए पड़ चुका है.

बूथ पर रखी गई फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली में नसीमा के नाम के आगे लाल रंग के पेन से PB यानी (पोस्टल बैलेट) लिखा हुआ था. जबकि नसीमा का दावा है कि उनके परिवार से एक भी सदस्य ने पोस्टल बैलट से मतदान नहीं किया है.

मतदान केंद्र पर दर्जनों लोगों ने शिकायत की कि उनके वोट पहले ही पोस्टल बैलट के जरिए डाले जा चुके हैं. दूसरे जिलों से भी इस तरह की गई शिकायतें सुनने में आई हैं. समाजवादी पार्टी ने निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत भी की है.

गाजियाबाद में कई मतदान केंद्र सुबह खाली पड़े थे लेकिन धीरे-धीरे लोगों का आना शुरू हुआ. दनकौर इलाके के उस्मानपुर गांव में ग्रामीणों का आरोप है कि मतदान कक्ष में बिजली जाने के बाद के बाद अँधेरा हो जाता है लेकिन प्रकाश के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था नहीं है. इस वजह से मतदान में काफी समय लग रहा है. यहां हाथ में मतदान पर्ची लेकर खड़ी महिलाएं काफी देर से मतदान करने का इंतजार करती दिखीं.

ऐसी स्थिति मेरठ के कुछ इलाकों में भी देखी गई. बाबरी थाना क्षेत्र के गोगवान जलालपुर में सोलर लैंप की रोशनी में मतदान कराया जा रहा था और मेरठ दक्षिण विधान सभा के मेरठ आवास विकास कार्यालय में कई बूथों पर बिजली की व्यवस्था नहीं थी और लोग अंधेरे में वोट डालने पहुंच रहे थे.

पहली बार मतदान कर रहे युवाओं की प्रसन्नता देखते ही बनती है. गाजियाबाद में स्नातक की छात्रा अलका गौतम पहली बार मतदान के बाद खुशी जाहिर करती हुई है कहती हैं, “हम लोग कई साल से इंतजार कर रहे थे कि कब मतदान करने का मौका मिलेगा. आज हमारी इच्छा पूरी हो गई. हम सभी दोस्तों ने मतदान किया है.”

अलीगढ़ जिले के बरौली स्थित कल्यानपुर गांव में पुल निर्माण को लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया. अधिकारियों ने काफी देर तक समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों का बहिष्कार जारी है. दोपहर तक यहां सिर्फ चार वोट डाले गए थे.

आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी विधानसभा क्षेत्र में एक पोलिंग बूथ पर कुछ मुस्लिम मतदाताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें मतदान से रोका गया. यहां से सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार ब्रजेश चाहर ने जिला निर्वाचन अधिकारी से शिकायत दर्ज कराई. इसी विधानसभा सीट पर एक बूथ की खराब ईवीएम मशीन को शिकायत के बावजूद कई घंटे तक नहीं बदला गया.

आगरा जिले के ही फतेहाबाद विधानसभा क्षेत्र में भी समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया है कि बीजेपी के लोग मतदाताओं को मतदान करने से रोक रहे हैं.

समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय की ओर से जारी पत्र में आरोप लगाया गया है कि आगरा के फतेहाबाद में पोलिंग बूथ संख्या 237 पर बीजेपी के लोग मतदाताओं को मतदान करने से रोक रहे हैं. पार्टी ने चुनाव आयोग से इस मामले में कार्रवाई की मांग की है.

इस चरण के सबसे महत्वपूर्ण जिले मुजफ्फरनगर में भी मतदान की गति काफी धीमी रही. सुबह घने कोहरे के कारण कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या काफी कम रही लेकिन कई बूथ ऐसे भी थे जहां सुबह से ही लंबी लाइन लगी हुई थी. मुजफ्फरनगर में भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत सर छोटूराम इंटर कॉलेज में अपने परिवार के साथ मतदान करने पहुंचे.

मुजफ्फरनगर से लगे शामली जिले में रालोद नेता उमेश कुमार के खिलाफ मतदाताओं को धमकाने और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है. शामली से सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी प्रसन्न चौधरी की पुलिसकर्मियों से तब नोक-झोंक हो गई जब वो बूथ का निरीक्षण करने आए थे लेकिन इंस्पेक्टर ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया.

पहले चरण की सबसे हॉट सीटों में से एक शामली जिले की थानाभवन सीट से बीजेपी उम्मीदवार और गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी परिवार के साथ सुबह मतदान करने पहुंचे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यहां लोग विकास और सुरक्षा के मुद्दे पर मतदान कर रहे हैं.

मेरठ की किठौर विधानसभा में सपा और बीजेपी समर्थकों में फर्जी वोटिंग कराने को लेकर काफी देर तक झड़प होती रही और दोनों के समर्थक आपस में भिड़ गए. पुलिस ने दोनों पक्षों के लोगों को खदेड़कर बाहर निकाला. सपा समर्थकों का आरोप है कि बीजेपी के लोग गलत मतदान करा रहे थे और मतदान की प्रक्रिया को बाधित कर रहे थे. किठौर में बीजेपी से मौजूदा विधायक सतबीर त्यागी चुनाव मैदान में हैं जबकि गठबंधन से पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर सपा के टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं.

पहले चरण में गुरुवार को जिन 58 सीटों पर मतदान हो रहा है, साल 2017 के विधानसभा चुनाव में इनमें से 53 सीटों पर बीजेपी को जीत हासिल हुई थी जबकि दो सीट समाजवादी पार्टी और दो सीट बहुजन समाज पार्टी के खाते में गई थीं. एक सीट राष्ट्रीय लोकदल ने जीती थी लेकिन रालोद के विधायक बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे.

समीरात्मज मिश्र वरिष्ठ पत्रकार हैं. लंबे समय तक बीबीसी में संवाददाता रहे हैं. इस समय जर्मनी के पब्लिक ब्रॉडकास्टर डीडब्ल्यू से जुड़े हैं और यूट्यूब चैनल ‘द ग्राउंड रिपोर्ट’ के संपादक हैं.

ये एना​लेसिस यूपी चुनाव को लेकर बन रही श्रृंखला का लेख है, इस श्रृंखला में आगे भी यूपी चुनाव 2022 के राजनैतिक समीकरणों और जनता के रुझान को लेकर के समीक्षा निंरतर जारी रहेगी।

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