डेस्क से यशस्वनी की रिपोर्ट-
बॉलीवुड में कई स्टार नेपोटिज्म का शिकार हुए है। समय समय पर यह मुद्दा चर्चा में आता है। हाल ही में बॉलीवुड के बिंदास एक्ट्रेस ईशा गुप्ता ने नेपोटिज्म को लेकर अपने विचार सामने रखें। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि काश वे भी एक स्टार किड होती तो उन्हे इतना स्ट्रगल नहीं करना पड़ता।
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में ईशा गुप्ता ने कहा कि बॉलीवुड में स्टार किड होने के अपने फायदे भी हैं। एक्ट्रेस का कहना है कि स्टार किड्स होने के नाते आप बुरे भी हो सकते हैं, फ्लॉप फिल्म दे सकते हैं। इससे आपके जीवन में कोई फर्क नहीं पड़ता। क्योंकि आपके पास करने के लिए एक और फिल्म होती है।
वहीं दूसरी और आप अगर आउटसाइडर है तो नाखुश होने पर आपको खुद ही खुद को संभालना होगा। यहाँ कोई भी आपको सही सलाह नहीं देगा।
इंटरव्यू में ईशा गुप्ता ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, “शायद मैंने खुद से कहा होता, ‘एक्टिंग का कोर्स मत करो, बस अपने सपनों का पीछा करो और वकील बनो’, तो काफी अच्छा होता।
एक्ट्रेस बनने से पहले वह एडवोकेट बनने के लिए बिल्कुल तैयार थीं क्योंकि वह लॉ की पढ़ाई कर रही थी। हालांकि फिर मुझे लगा कि मैं अभी भी एक एक्ट्रेस बन सकती हूं क्योंकि मुझे लगता है कि जो आपके भाग्य में है वो आपको सच में मिल सकता है।
आपको बता दें कि ईशा गुप्ता बॉलीवुड में सबसे टैलेंटेड और होनहार एक्ट्रेस में से एक हैं. 2012 में क्राइम थ्रिलर ‘जन्नत 2’ से एक्टिंग के करियर की शुरुआत की थी। वह फिल्म में एक्टर इमरान हाशमी और रणदीप हुड्डा के साथ देखी गई थीं और तब से उन्होंने अपने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा। लेकिन वह यह कभी कभी सोचती है की सायद वह स्टार किड होती तो बेहतर होता।
ईशा गुप्ता को हाल ही में ‘आश्रम 3’ में बॉबी देओल के साथ देखा गया था इस सीरीज में ईशा को सोनिया के किरदार मे देखा गया था। सीरीज में बॉबी देओल संग ईशा गुप्ता ने कई इंटीमेट सीन दिए हैं। इसकी वजह से वह लागातार खबरों में बनी हुई है। प्रकाश झा द्वारा निर्देशित, ‘आश्रम 3’ का प्रीमियर 3 जून को MX Player पर रिलीज हुआ था।
ईशा ने LLB कर रखी हैं। वह कभी एक्ट्रेस की जगह लॉयर बनना चाहती थीं, लेकिन किस्मत ने उन्हे एक्ट्रेस बना दिया। ईशा ने बातचीत में एक मैसेज देते हुए बात ख़त्म की , ‘ मैं यह भी कहूंगी, ‘एक बार जब तुम बड़े हो जाओगे, तो जीवन बदल जाएगा, दुनिया बदल जाएगी और कभी किसी को खुद को जज नहीं करने देना’ है।