कई बार कानून के जानकार ही जब कानून को मजाक समझने लगें तो फिर फरियादी किससे उम्मीद करे.... जी हां! कुछ ऐसा ही हुआ मद्रास हाईकोर्ट में। दरअसल सुनवाई के दौरान एक महिला के साथ अंतरंग होने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय के वकील को प्रेक्टिस से निलंबित कर दिया गया है।
तमिलनाडु और पुडुचेरी की बार काउंसिल ने इस मामले को लेकर प्रेस रिलीज जारी की है। इसमें बताया गया है कि जब तक कृष्णन के खिलाफ लंबित अनुशासनात्मक कार्रवाई का निपटारा नहीं हो जाता, वह अपने नाम या किसी अन्य नाम से प्रैक्टिस नहीं कर पाएगा।
पोर्टफोलियो जज पीएन प्रकाश और आर हेमलता ने संथाना कृष्णन के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की। उन्होंने पुलिस की सीबी-सीआईडी विंग को मामला दर्ज करने और मामले की गहनता से जांच कर 23 दिसंबर तक जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। वहीं तमिलनाडु बार काउंसिल को वकील के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
न्यायाधीशों ने कहा कि अदालती कार्यवाही अब ऑफलाइन मोड में फिर से शुरू की जानी चाहिए। बड़ी संख्या में वकीलों ने उच्च न्यायालयों और जिला न्यायालयों का व्यक्तिगत दौरा करना शुरू कर दिया है। हालांकि, इस पर कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश को फैसला करना है कि यह मामला किसके सामने रखा जा सकता है।
पीठ ने सोमवार को कहा था कि जब अदालती कार्यवाही के बीच सार्वजनिक रूप से इस तरह की घटना होती है तो उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने शहर के पुलिस आयुक्त को सोशल मीडिया पर वीडियो क्लिपिंग के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया।