कुलदीप चौधरी. इंसानों के साथ - साथ निर्जीव वाहनों का फिट होना भी बेहद जरूरी है ताकि पर्यावरण को शुद्ध व स्वच्छ रखा जा सकें। इसी पहल में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक ड्रॉफ्ट नियम जारी किया है। जिसके अनुसार पुराने वाहनों के लिए अपना फिटनेस प्रमाण पत्र और रजिस्ट्रेशन मार्क निर्देशित करना अनिवार्य हो जाएगा। साथ ही सरकार इस कानून का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों पर बड़ा जुर्माना करने का प्रावधान भी बना रही है।
नोटिफिकेशन के अनुसार हैवी गुड्स, पैसेंजर व्हीकल्स, मीडियम गुड्स और लाइट मोटर व्हीकल्स, ऑटो-रिक्शा, ई-रिक्श, ई-कार्ट और क्वाड्रिसाइकिल विंड स्क्रीन के बाई ओर ऊपर में फिटनेस सर्टिफिकेट और रजिस्ट्रेशन मार्क लगाना होगा। इसके साथ ही जिन गाड़ियों में विंड शील्ड नहीं है उनमें यह सर्टिफिकेट बॉडी पर लगाना अनिवार्य होगा, जहां से जांच के दौरान इसे आसानी से देखा जा सके।
दिल्ली और हरियाणा सरकार पहले ही ये फैसला सुना चुकी हैं और 1 अप्रैल इस इस नियम को रख्ती से लागू करने वाली हैं। बता दें कि नया नियम लागू हो जाने के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाले पुराने वाहन अगर सड़क पर चलते पाए गए तो उन्हें तत्काल स्क्रैप होने के लिए भेज दिया जाएगा।
हालांकि मंत्रालय ने इसके लिए ड्रॉफ्ट नोटीफिकेशन जारी किया, जिसमें सभी पक्षों से 30 दिन में आपत्ति/सुझाव मांगे गए हैं। ये भी बताया जा रहा है कि 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने निजी वाहनों को सड़क से हटाने का आदेश भी दिया जा सकता है।