गहलोत सरकार ने राज्य में ट्रांसजेंडरों के कल्याण के लिए एक अलग योजना बनाई है। ट्रांसजेंडर्स को पढ़ाई से लेकर खुद का बिजनेस करने तक के लिए राज्य सरकार पैसा देगी। ट्रांसजेंडर बच्चों की पूरी शिक्षा सरकारी खर्च पर की जाएगी। राज्य भर में ट्रांसजेंडरों को आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे। गहलोत सरकार ने ट्रांसजेंडर उत्थान कोष के नाम से योजना के नियम जारी कर इसे लागू किया है। सीएम ने इस साल के बजट में इस योजना की घोषणा की थी।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को इसका नोडल विभाग बनाया गया है। यह योजना कई चरणों में लागू की जा रही है। पहला चरण ट्रांसजेंडर बच्चों के लिए है। योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिलेगा, जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है। ट्रांसजेंडर बच्चों को प्री मैट्रिक स्कॉलरशिप में 225 रुपये और पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप के लिए 1000 रुपये हर महीने मिलेंगे।
ट्रांसजेंडर बच्चों की उच्च शिक्षा का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। टेक्निकल और प्रोफेशनल कोर्स की पूरी फीस सरकार देगी। पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप भी साथ-साथ मिलेगी।
ट्रांसजेंडरों को नि:शुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। कौशल विकास की पूरी फीस सरकार देगी। सरकारी व्यय पत्र पर दो प्रकार के कौशल विकास पाठ्यक्रम किए जा सकते हैं। ट्रांसजेंडर्स को अपना बिजनेस शुरू करने के लिए सरकार अपनी लागत का 25 फीसदी सब्सिडी देगी। सब्सिडी में 50,000 रुपये तक की सीमा रखी गई है, इसे बढ़ाया भी जा सकता है।
सरकार ट्रांसजेंडरों को लिंग परिवर्तन सर्जरी कराने में भी मदद करेगी। सर्जरी के लिए सरकार ढाई लाख रुपये तक का खर्च वहन करेगी। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना से जोड़ा जाएगा।
20 नवंबर को सरकार पूरे राज्य में ट्रांसजेंडर्स डे मनाएगी। राज्य स्तर से लेकर जिला स्तर तक किन्नर महोत्सव एवं किन्नर कला एवं संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। सरकार राज्य स्तरीय कार्यक्रम के लिए 10 लाख रुपये और जिला स्तरीय कार्यक्रम के लिए 1 लाख रुपये देगी।
सरकार जामडोली, जयपुर में सामुदायिक भवन और ट्रांसजेंडरों के लिए वृद्धाश्रम के लिए दो बीघा जमीन आवंटित करेगी। दो बीघा में सामुदायिक भवन के अलावा ट्रांसजेंडरों के लिए वृद्धाश्रम बनाया जाएगा। इस परिसर में उनके लिए सभी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां से सिंगल विंडो भी शुरू होगी, जहां से ट्रांसजेंडरों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण अधिनियम 2019 यथावत बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने इस कानून में बदलाव किया है। इसके बाद देशभर में ट्रांसजेंडरों के अधिकारों को लागू करने के लिए अलग-अलग योजनाओं पर काम चल रहा है। गहलोत सरकार ने इस साल के बजट में ट्रांसजेंडर उत्थान कोष बनाकर उनके कल्याण से जुड़ी योजना चलाने की घोषणा की थी। बजट घोषणा को पूरा करने के लिए गहलोत सरकार ने ट्रांसजेंडरों के कल्याण से संबंधित प्रावधान किए हैं।