अफगानिस्तान के लोगों की मदद के लिए भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारत मंगलवार को पाकिस्तान के रास्ते 50,000 मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान भेजेगा। इस खेप को विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह अफगानों के लिए बहुत खुशी की बात है। इस दौरान भारत आए एक अफगान नागरिक ने कहा, 'हम अफगानिस्तान से आए हैं... मैं बहुत खुश हूं।' विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) पहले ही लगभग 70 लाख अफगान लोगों की मदद कर चुका है।
पहले भी जीवन रक्षक दवाएं और अन्य सभी आवश्यक वस्तुएं अफगानिस्तान भेजी
मानवीय सहायता प्रयासों के तहत, भारत ने पिछले कुछ महीनों में भारी मात्रा में जीवन रक्षक दवाएं और अन्य सभी आवश्यक वस्तुएं अफगानिस्तान भेजी हैं। दवाओं की आखिरी खेप पिछले शनिवार को ही पहुंची थी, जो भारत से अफगानिस्तान भेजे जाने वाले माल की पांचवीं खेप थी।
संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर
भारत ने दो सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम के साथ एक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान से कहा था कि वह भारत को भूमि मार्ग से 50,000 मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान भेजने की अनुमति दे।
भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के निदेशक बिशो परजुली ने कहा कि भारत पहले ही विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के जरिए करीब 70 लाख अफगान लोगों की मदद कर चुका है। भारत सरकार की इस मानवीय सहायता की पूरी दुनिया में सराहना हो रही है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद देश की हालत खराब हो गई थी। आर्थिक रूप से देश इतना कमजोर हो गया है कि हर किसी से पूछने को मजबूर हो गया है।