Kangal Pakistan: अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के सामने कर्ज के लिए गुहार लगाने वाले पाकिस्तान के लिए बुरी खबर है। इस मामले में पाकिस्तान के साथ वही हुआ है जिसका कि पहले से ही अनुमान था। गंभीर आर्थिक तंगी से परेशान पाकिस्तान (Pakistan) को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने तगड़ा झटका दिया है। IMF से जल्द कर्ज मिलने की पाकिस्तान की उम्मीदों पर पानी फिर गया है।
पाकिस्तान के सर्कुलर कर्ज मैनेजमेंट प्लान को आईएमएफ ने खारिज कर दिया है और इसके अलावा ऐसी शर्त भी उसके सामने रख दी जो उसको बहुत भारी पड़ने वाली है। पाकिस्तान की हालत पतली होना तय है। आर्थिक संकट के शिकार पाकिस्तान को आईएमएफ ने बिजली की दरों को बढ़ाने के लिए कहा है। इसका मतलब है कि अगर पाकिस्तान आईएमएफ की शर्ते मानता है तो पाकिस्तानी आवाम को अब से बिजली के लिए और ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
बता दें कि मुश्किल आर्थिक हालात में पाकिस्तान का साथ उसके अपनों ने भी छोड़ दिया है। सऊदी अरब ने जहां बिना शर्त कर्ज देने से मना कर दिया है तो वहीं चीन भी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है। इस बीच, पाकिस्तान आईएमएफ से बड़ी उम्मीद थी। पाकिस्तान सोच रहा था कि आईएमएफ से उसको जल्द ही और कर्ज मिल जाएगा और उसकी इकोनॉमी पर मंडरा रहा खतरा कुछ दिनों के लिए टल जाएगा। लेकिन आईएमएफ ने उसके प्लान को रिजेक्ट कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान को कहा है कि वह बिजली की दरों में बढ़ोतरी करे। द न्यूज़ इंटरनेशनल के मुताबिक, आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से चालू वित्त वर्ष के लिए 11-12।50 पाकिस्तानी रुपये प्रति यूनिट बिजली की दरों में इजाफा करने के लिए कहा है। इससे पाकिस्तानी नागरिकों की मुश्किलें और भी बढ़ने वाली हैं।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने पाकिस्तान को एक बार फिर झटका दिया है। बेलआउट पैकेज के लिए आईएमएफ की शरण में पहुंचे प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से जो सर्कुलर लोन प्लान पेश किया गया था, उसे खारिज कर दिया गया है। आईएमएफ के पास 23 बार मदद के लिए जाने की वजह से पाकिस्तान ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है।
इस बार पाकिस्तान के लिए स्थितियां सबसे ज्यादा मुश्किल हैं। पाकिस्तान ने आईएमएफ का कर्ज हासिल करने के लिए अमेरिका की भी मदद लेनी चाही है। चीन से कर्ज तो मिला है लेकिन उस पर ब्याज इतना ज्यादा है कि चुका पाना काफी मुश्किल हो सकता है। भारत से टूटकर बना यह मुल्क अब पूरी तरह से बिखरने की तरफ बढ़ चुका है।
गौरतलब है कि आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान की इन्फ्लेशन ने जनवरी के महीने में एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। 1975 के बाद पाकिस्तान में इन्फ्लेशन उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। नकदी की कमी के बाद आपूर्ति की कमी के कारण खाने-पीने का सामान, कच्चे माल और उपकरणों के हजारों कंटेनर पोर्ट पर अटके हुए हैं। पाकिस्तान में डॉलर की कमी की वजह से शहबाज सरकार ने इम्पोर्ट में कटौती की है। आर्थिक संकट और पर्याप्त आपूर्ति ना हो पाने के बीच हाई इन्फ्लेशन एक बुरा सपना बना हुआ है।