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Russia-Ukraine War update 2022: रूस से निपटने के लिए आखिर US ने भेज दी 12000 की फौज

Russia-Ukraine War update 2022: अमेरिका सहित पश्चिमी देश भी इस युद्ध में शामिल हो गए हैं। रूस को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर पुतिन को नहीं जीतने देंगे।

ChandraVeer Singh

Russia-Ukraine War : रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 17 दिनों से युद्ध चल रहा है। लेकिन अभी तक किसी तरह की शांति वार्ता होती दिखाई नहीं दे रही है। ऐसे में अब अमेरिका सहित पश्चिमी देश भी इस युद्ध में शामिल हो गए हैं। रूस को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि हम किसी भी कीमत पर पुतिन को नहीं जीतने देंगे। इसके साथ ही अमेरिका ने रूस की घेराबंदी और उस पर नकेल कसने के लिए 12,000 सैनिकों को भेजा दिया है। ऐसे में अब ये ज अब ये जंग बेहद खतरनाक मोड़ पर आ गई है।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि हम नाटो के हर क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करेंगे। साथ ही उन्होंने यूक्रेन में तीसरा विश्व युद्ध न लड़ने पर भी जोर दिया। आपको बता दें कि बाइडेन ने रूसी सीमा से सटे लातविया, एस्टोनिया, लिथुआनिया और रोमानिया में सेना भेजी है। बाइडेन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उस युद्ध को नहीं जीत पाएंगे जो उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ छेड़ा है।
यूक्रेन के लोगों ने साहस दिखाया, इसलिए अमेरिका बचाव में ​पीछे नहीं हटेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने कहा कि यूक्रेन के लोगों ने रूसी सैन्य हमले का सामना करने में बहादुरी और साहस दिखाया है, इसलिए अमेरिका अपने बचाव में पीछे नहीं हटेगा। हम यूक्रेन का समर्थन करना जारी रखेंगे। साथ ही हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे।
बाइडेन ने कहा हम नाटो देशों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
जो बाइडेन ने कहा कि मैंने अपने 12,000 सैनिकों की एक टुकड़ी को रूस की सीमा पर रूस को घेरने के लिए भेजा है। ये सैनिक लातविया, एस्टोनिया, लिथुआनिया, रोमानिया में रूस को घेर लेंगे। वहीं बाइडेन ने कहा कि अगर हम रिटेल करते हैं तो साफ है कि तीसरा विश्व युद्ध जरूर होगा। लेकिन हम नाटो की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। बाइडेन हम यूक्रेन में तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे।
हम रूस पर लगाम लगाने में सक्षम
जो बाइडेन ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि हम पुतिन पर अपना आर्थिक दबाव बढ़ाने और रूस को वैश्विक मंच पर अलग-थलग करने में सक्षम हैं। साथ ही कहा कि अमेरिकी पायलट और अमेरिकी सैनिक विमान और टैंक लेकर जा रहे हैं. इसे मजाक के रूप में न लें। बाइडेन ने कहा कि जी-7 देशों कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन, अमेरिका ने रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए जरूरी कदम उठाए हैं।
रूसी शराब, सी-फूड और डायमंड के इम्पोर्ट पर अमेरिका ने बैन लगाया
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूसी शराब, सी-फूड और डायमंड समेत कई तरह के बिजनेस रिलेशंस पर बैन लगाने को लेकर बयान दिया है। व्हाइट हाउस के रूजवेल्ट रूम से जो बाइडेन ने कहा कि दुनिया पुतिन को जवाब देने के लिए एकजुट हो रही है।
वहीं रूस के साथ अमेरिका की बिजनेस सिचुएशन को अब तक परमानेंट मना जाता था, लेकिन इस युद्ध के बाद इस व्यापारिक संबंध को खत्म करने के लिए वाशिंगटन में डुअल ग्रुप का प्रेशर बन रहा है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वालोडिमिर जेलेंस्की ने सप्ताहांत में रूस के विुरद्ध कार्रवाई के लिए यूएस और उसके सहयोगी देशों पर प्रेशर डाला था। जिसके बाद बाइडेन ने रूसी तेल और गैस उत्पादों के इंपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला लिया था। अब बाइडेन ने रूस के खिलाफ व्यपार को लेकर नए प्रतिबंधों का ऐलान किया है, इससे रूसी अर्थव्यवस्था लचर हो सकती है।
अमेरिकी डॉलर की तुलना में रूसी रूबल 76 प्रतिशत गिरा
अमेरिका और दूसरे देशों की ओर से रूस पर व्यापारिक बैन के बाद रूसी रूबल पिछले एक महीने में अमेरिकी डॉलर की तुलना में 76% नीचे आ गया है। इससे पुतिन की यूक्रेन में लंबे समय तक युद्ध छेड़ने की कैपेसिटी नष्ट होने की कगार पर आने वाली है। रूसी तेल, गैस और कोयले के इंपोर्ट पर पहले के बैन ने देश से अमेरिकी इंपोर्ट का लगभग 60% घट गया है। बता दें कि मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा ग्लोबल बिजनेस के लिए बेसलाइन रहा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि विश्व व्यापार संगठन में आने वाले देशों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए।
MFN का दर्जा नहीं मिलने से रूस क्यूबा और उत्तरी कोरिया की रैंक में शामिल हो जाएगा
विश्व व्यापार संगठन यानी वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में कुछ देशों को डवलपमेंट इकॉनोमी के तौर पर उनकी स्थिति के कारण स्पेशल राइट्स हासिल हैं। अमेरिका से एमएफएन का दर्जा नहीं मिलने से रूस क्यूबा और उत्तर कोरिया के रैंक में शामिल हो जाएगा।

लेकिन यूरेनियम के लिए अमेरिका को रूस पर ही रहना होगा निर्भर

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन रूस से तेल, गैस और कोयले के आयात पर रोक लगा चुके हैं। इस बैन में यूरेनियम शामिल नहीं है यानी न्यूक्लियर पावर प्लांट के लिए अमेरिका, रूस से यूरेनियम का आयात जारी रखेगा

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