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Russia-Ukraine War: क्यों NATO ने यूक्रेन की 'नो फ्लाइंग जोन' की मांग को ठुकराया

Russia-Ukraine War: शनिवार को राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने नाटो की मांग ठुकराए जाने पर जमकर बरसे। ज़ेलेंस्की ने कहा कि पश्चिम का सैन्य गठबंधन यूक्रेन में मौतों और विनाश के लिए जिम्मेदार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नाटो की कमजोरी और एकता की कमी पूरी तरह से मास्को को पूरी छूट दे देगा और रूस हवाई हमले तेज कर देगा।

ChandraVeer Singh

रूस ने शनिवार को यूक्रेन में नागरिकों को निकालने के लिए मानवीय गलियारे खोलने के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की है। स्पुतनिक समाचार एजेंसी ने रूसी रक्षा मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा, "आज सुबह 10 बजे से रूसी पक्ष ने संघर्ष विराम की घोषणा की है। मारियुपोल और वोल्नोवाखा से नागरिकों के बाहर निकलने के लिए मानवीय गलियारे खोले जा रहे हैं।"

Russia-Ukraine War: नाटो ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की यूक्रेन को नो-फ्लाई ज़ोन घोषित करने की अपील को खारिज कर दिया है। शनिवार को राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने नाटो की मांग ठुकराए जाने पर जमकर बरसे। ज़ेलेंस्की ने कहा कि पश्चिम का सैन्य गठबंधन यूक्रेन में मौतों और विनाश के लिए जिम्मेदार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि नाटो की कमजोरी और एकता की कमी पूरी तरह से मास्को को पूरी छूट दे देगा और रूस हवाई हमले तेज कर देगा।

यूक्रेन की राजधानी कीव समेत खार्किव, मारियुपोल जैसे शहरों को रूसी सेना ने घेर रखा है। यहां जरूरी सामान की सप्लाई काट दी गई है। इससे फंसे हुए नागरिकों को मुश्किलें बढ़ गई हैं।

जपोरिझिया न्यूक्लियर प्लांट पर हमले के बाद UN ने बुलाई बैठक
यूक्रेन के जपोरिझिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी अटैक के बाद संयुक्त राष्ट्र (UN) की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। इसमें रूसी राजदूत ने कहा है कि एटमी प्लांट पूरी तरह काम कर रहा है और वहां रूस का कोई इंटरफेयर नहीं है।
इसी बीच अमेरिकी डिफेंस मिनिस्ट्री पेंटागन का दावा है कि यूक्रेन ने कीव के बाहर रूसी सैनिकों पर हमले कर उसे कमजोर किया है। यूक्रेन को वैपंस भेजने के सवाल पर पेंटागन ने कहा कि यूक्रेन के पास पहले ही पर्याप्त हथियार हैं।

ताजा अपडेट्स

रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन के मारियुपोल शहर के रेसिडेंशियल अपार्टमेंट पर मिसाइल दागी। हालांकि, घटना के वक्त बिल्डिंग में लोग नहीं थे। हमले के बाद अपार्टमेंट में आग लग गई।

जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस का एक रॉकेट कीव में राष्ट्रपति भवन के बाहर गिरा है।उन्होंने कहा कि रूस का निशाना फिर से चूक गया।

वोल्दोमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन को नो फ्लाई जोन नहीं बनाने के फैसले पर नाटो की आलोचना की है। नाटो के विदेश मंत्रियों की बैठक में जेलेंस्की के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था।

फ्रांस ने जपोरिझिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी हमले की निंदा की है। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर UN से इसकी सुरक्षा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

रूस ने यूक्रेन के रेजिडेंशियल एरिया में हमले तेज कर दिए हैं। यूक्रेन का दावा है कि जाइटोमीर शहर में रूसी बम अटैक में उसके 47 लोग मारे गए हैं। स्थानीय पुलिस ने इसे क्लस्टर बम से किया गया हमला बताया है।

यूक्रेन के डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा कि रूस सैन्य ठिकानों के अलावा रेजिडेंशियल एरिया में भी लगातार हमले कर रहा है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दोमिर जेलेंस्की ने यूरोपीय नेताओं से रूस को रोकने में मदद करने की अपील की है। जेलेंस्की ने कहा, 'अगर रूस को नहीं रोका गया, तो पूरा यूरोप खत्म हो जाएगा।'

यूक्रेन की राजधानी कीव समेत खार्किव, मारियुपोल जैसे शहरों को रूसी सेना ने घेर रखा है। यहां जरूरी सामान की सप्लाई काट दी गई है। इससे फंसे हुए नागरिकों को मुश्किलें बढ़ गई हैं। रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन के मारियुपोल शहर के रेसिडेंशियल अपार्टमेंट पर मिसाइल दागी। हालांकि, घटना के वक्त बिल्डिंग में लोग नहीं थे। हमले के बाद अपार्टमेंट में आग लग गई। जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस का एक रॉकेट कीव में राष्ट्रपति भवन के बाहर गिरा है। उन्होंने कहा कि रूस का निशाना फिर से चूक गया। वोल्दोमीर जेलेंस्की ने यूक्रेन को नो फ्लाई जोन नहीं बनाने के फैसले पर नाटो की आलोचना की है। नाटो के विदेश मंत्रियों की बैठक में जेलेंस्की के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया था। फ्रांस ने जपोरिझिया न्यूक्लियर प्लांट पर रूसी हमले की निंदा की है। फ्रांस के राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान जारी कर UN से इसकी सुरक्षा के लिए विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।
इधर शनिवार को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज दसवां दिन है। रूसी सेना ने कई शहरों को घेर लिया है। वहीं खेरसन सहित कई शहर उसके कब्जे में हैं। शुक्रवार को रूस ने जैपोरिजिया में एक न्यूक्लियर प्लांट भी हमला किया। अब इस पर रूस का कंट्रोल है। यहीं से यूक्रेन बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आपूर्ति करता था। हमले में कई लोगों की जान भी गई थी। वहीं दूसरी ओर रूस के खिलाफ जांच के लिए इंडिपेंडेंट कमीशन बनाने की अपनी राय जानने के लिए युनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स काउंसिल में मतदान हुआ, जिसमें भारत और चीन ने दूरी बना ली। इससे पहले भी भारत ने इस संबंध में मतदान नहीं किया है। वहीं रूस ने कथित 'फेक न्यूज' को लेकर नया कानून बनाया है, जिसके बाद फेसबुक और ट्विटर पर भी बैन लगा दिया गया है। वहीं, सीएनएन, बीबीसी को भी रिपोर्टिंग बंद करनी पड़ी है।

राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने नाटो की मांग ठुकराए जाने पर जमकर बरसे।

बता दें कि शुक्रवार को नाटो ने यूक्रेन को रूसी मिसाइलों और युद्धक विमानों से यूक्रेन की रक्षा में मदद करने के अनुरोध को खारिज कर दिया था। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने नाटो का पक्ष लिया और यूक्रेन पर नो-फ्लाई ज़ोन के आह्वान को खारिज कर दिया। एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि नो-फ्लाई ज़ोन का मतलब नाटो विमानों को यूक्रेन के हवाई क्षेत्र में रूसी विमानों को मार गिराने के लिए भेजना होगा। इससे यूरोप में चौतरफा युद्ध हो सकता है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने नाटो के फैसले की आलोचना की है। ज़ेलेंस्की ने अपने हालिया दिए बयान में के दौरान कहा, "आज नाटो के नेतृत्व ने यूक्रेन के कस्बों और गांवों में बमबारी को हरी झंडी दे दी। और नो-फ्लाई ज़ोन से इनकार कर दिया।" ये निर्णय यूक्रेन में घोर तबाही के लिए जिम्मेदार होगा। जलेंस्की ने कहा कि नाटो की कमजोरी और एकता की कमी रूस के हौसले बुलंद कर रही है। इससे रूसी हवाई हमले और भी तेज होंगे।
यूक्रेन के फ्लाइंग जोन में नाटो की उड़ान नहीं होगी
वहीं, नाटो के विदेश मंत्रियों की एक बैठक में यूक्रेन के 'नो फ्लाइंग जोन' का मुद्दा उठा। इसमें नेताओं ने पक्ष रखा कि नाटो के विमान और सैनिक यूक्रेन में एंटर नहीं करेंगे। नाटो के ची सेक्रेटरी जेन्स स्टोल्टेनबर्ग ने बैठक के बाद इसकी सूचना की। उन्होंने कहा, ''रिटन 'नो फ्लाइंग जोन' पर नाटो के सदस्य देशों ने इस पर रजामंदी जताई है कि हमें यूक्रेन में नाटो की सेना का प्रवेश या यूक्रेनी हवाई क्षेत्र में नाटो के उड़ान का आॅपरेशन नहीं करना चाहिए।''
स्टोल्टेनबर्ग ने कहा कि हम यह साफ कर चुके हैं कि हम न तो यूक्रेन की जमीन या इसके हवाई क्षेत्र में जाने वाले हैं और बेशक 'नो फ्लाइंग जोन' को लागू करने का एकमात्र तरीका नाटो के लड़ाकू विमानों को यूक्रेनी हवाई क्षेत्र में भेजना और रूसी विमानों को मार गिराने के बाद यहां फिर से 'नो फ्लाइंग जोन' लागू करना है। उन्होंने कहा, हमारा ऐसा मानना है कि ऐसा करने से इससे यूरोप में भीषण युद्ध छिड़ सकता है।

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