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Russian Ukraine War: भारत की चुप्पी, अमेरीका लगा सकता है कई प्रतिबंध, अमेरिकी सांसदो ने की भारत के रुख की आलोचना

रुस-यूक्रेन यूध्द के बीच सुरक्षा परिषद की कई ने कई अहम अधिवेशन का आयोजन किया गया। भारत इन से दूरी बनाए रखी है लेकिन अब बड़ा सवाल है कि आखिर रुस-यूक्रेन वार के बीच भारत की चुप्पी किसे नाराज कर रही है। और इसके क्या परिणाम हो सकते है?

Kunal Bhatnagar
सबसे पहले यूक्रेन पर रुस के हमले के खिलाफ लाए गए प्रस्थाव को लेकर भारत समेत 35 देशों ने इससे दूरी बनाई, अमेरीका के साथ अच्छे संबध रखने वाले भारत के इस कदम से अमेरीका खासा नाराज दिखाई दे रहा है।

रूस के खिलाफ मतदान नहीं करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की

अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू ने इस पर संभावना जताई है कि अमेरिका के साथ बेहतर संबंध रखने वाले भारत समेत 35 देश यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहे। अमेरिकी सांसदों (रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों) ने रूस के खिलाफ मतदान नहीं करने के लिए भारत सरकार की आलोचना की।

क्या CAATSA के तहत वाशिंगटन भारत पर कुछ प्रतिबंध लगा सकता है?

अमेरिकी सांसदों ने 'भारत-अमेरिका संबंधों' पर एक बैठक में भारत के रुख की आलोचना की। तब से इस बात पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या CAATSA के तहत वाशिंगटन भारत पर कुछ प्रतिबंध लगा सकता है। दरअसल, भारत ने रूस से एस-400 ट्रायम्फ मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदा था। भारत और रूस के बीच इस रक्षा सौदे पर CAATSA के तहत जो बाइडेन प्रशासन कार्रवाई कर सकता है।

CAATSA क्या है?

‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेक्शन एक्ट’ है जिसे हम आसान भाषा में कहें तो कई तरह के प्रतिबंध को लगा कर अपने अमेरिका के द्वारा अपने विरोधियों का सामना किया जाता। बता दें कि अमेरिका ने इस कानून का उपयोग अपने विरोधियों पर प्रतिद्वंद्वियों लगा कर इसका प्रयोग दंडात्मक कार्रवाई की तरह करता है। पहली बार इस कानून को लेकर 2 अगस्त 2017 को लाया गया, बाद में इसे जनवरी 2018 को लागू किया गया। बता दें कि इस कानून का मकसद अमेरिका के दुश्मन देशों ईरान, रूस और उत्तर कोरिया की आक्रामकता का मुकाबला करना है। हालांकि अब भारत के लिए खतरे की तलवार लटक रही है और इसकी वजह रूस की S-400 मिसाइल बनी है।

भारत वर्ष 2016 से रूस से सबसे बड़ा आयातक रहा है

अमेरिकी राजनयिक ने कहा है कि भारत वर्ष 2016 से रूस से सबसे बड़ा आयातक रहा है। ये भी बताया जा रहा है कि भारत ने हाल ही में रूसी मिग-29 लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर और टैंक रोधी हथियारों के ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। लू ने उम्मीद जताई कि अगर अमेरिका की ओर से कोई प्रतिबंध लगाया जाता है तो दूसरे देश भी रूस को दिए गई डील को रद्द कर सकते हैं।

141 देशों ने अमेरिकी प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया

यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ सुरक्षा परिषद में लाए गए प्रस्ताव में 141 देशों ने अमेरिकी प्रस्ताव के समर्थन में वोट किया था। 5 देशों ने इसका विरोध किया। भारत समेत 35 देशों ने मतदान नहीं किया। आपको बता दें कि यूक्रेन पर रूस के हमले को 9 दिनों से चल रहे हैं। हालांकि, यूक्रेन का दावा है कि उसने 30 रूसी लड़ाकू विमानों, 31 हेलीकॉप्टरों को मार गिराया है। 9,000 रूसी सैनिक और एक मेजर जनरल भी मारे गए हैं।

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