श्रीलंका अब तक के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। पिछले कई हफ्तों से देश के लोगों को ईंधन और रसोई गैस के लिए लंबी कतारों में खड़े होने के साथ-साथ आवश्यक वस्तुओं की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शुक्रवार देर रात एक विशेष गजट अधिसूचना जारी की, जिसमें 1 अप्रैल से तत्काल प्रभाव से श्रीलंका में आपातकाल की स्थिति लागू कर दी गई। सरकार ने शनिवार को शाम 6 बजे से सोमवार को सुबह 6 बजे तक देशव्यापी कर्फ्यू की घोषणा की है।
देश में आपातकाल लागू है। इस बीच रविवार की देर रात श्रीलंका सरकार की पूरी कैबिनेट ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है। देश के शिक्षा मंत्री और सदन के नेता दिनेश गुणवर्धने ने बताया कि कैबिनेट ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि गोटबाया राजपक्षे और पीएम महिंदा राजपक्षे को छोड़कर सभी 26 मंत्रियों ने श्रीलंका के पीएम को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि, उन्होंने कैबिनेट के इस सामूहिक इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सर्वदलीय कार्यवाहक सरकार के गठन की मांग जोर पकड़ने लगी है।
कैबिनेट के इस्तीफे से पहले देश के खेल मंत्री और पीएम राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे ने अपने सभी विभागों से इस्तीफा दे दिया था। करीब एक घंटे बाद अन्य मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। कैबिनेट के इस्तीफे का पत्र अब पीएम के पास है, जिसे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में नई कैबिनेट का गठन किया जाएगा।
हम श्रीलंका में लोकतंत्र की रक्षा करेंगे’’ विपक्षी सांसदों ने कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर की ओर मार्च करते हुए नारे लगाए और तख्तियां दिखाई, जिन पर लिखा था ‘‘दमन बंद करो’’ और ‘‘गोटा घर जाओ’’, पुलिस अधिकारियों ने स्क्वायर तक जाने वाले रास्तों पर बैरिकेड्स लगा दिए। यह स्क्वायर 1948 में श्रीलंका की आजादी की याद में बनाया गया था।विपक्षी सांसद हर्षा डी सिल्वा
इससे पहले राजधानी कोलंबो में रविवार को 650 से ज्यादा लोगों को सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। ये लोग आर्थिक संकट के विरोध में कर्फ्यू तोड़कर सरकार के खिलाफ मार्च निकाल रहे थे।
श्रीलंका में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके बाद रविवार को देश में फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सेवा से बाहर हो गए। इंटरनेट निगरानी संस्था नेटब्लॉक्स ने यह जानकारी दी। उधर, सेना और पुलिस के जवान राजधानी कोलंबो में हर कोने पर पहरा दे रहे हैं, ताकि माहौल न बिगड़े।
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को भारत मदद मुहैया करा रहा है। भारत ने ईंधन संकट से जूझ रहे श्रीलंका की मदद के लिए एक तेल टैंकर भेजा था, जो शनिवार को श्रीलंका पहुंचा। अब भारत 40 हजार टन चावल की खेप श्रीलंका भेजने की तैयारी में है। भारत 2022 में श्रीलंका को कम से कम 300,000 टन चावल भेजेगा।