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Syrian Family:पिता-पुत्र की अवॉर्ड विनिंग फोटो वाला सीरिया परिवार पहुंचा इटली, पिता ने ब्लास्ट में खोया था एक पैर‚ इनकी Photo देख अपना गम भूल गई थी दुनिया

सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा सराही गई ये तस्वीर एक ऐसे व्यक्ति की थी जिसने सीरिया में एक बम विस्फोट में अपना एक पैर खो दिया था, अपने बेटे को एक पैर के साथ हवा में ले लहरा कर दुलार करता दिखाई दे रहा था। युद्ध में छोड़ी गई नर्व गैस से मां बीमार हुई तो बच्चा भी इससे उत्पन्न बीमारी के कारण बिना हाथ और पैर के पैदा हुआ। यह तस्वीर पिछले साल तुर्की में ली गई थी। फोटोग्राफर मेहमत ने इस फोटो को 'हार्डशिप ऑफ लाइफ' बताया था।

ChandraVeer Singh

दुनिया में कुछ घटनाएं ऐसी होती है जो विश्वपटल पर साहानुभूति का हिस्सा बन जाती है। कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर ऐसी ही एक दिल को छू लेने वाली तस्वीर को खूब पसंद किया गया था। यह अवॉर्ड विनिंग तस्वीर एक ऐसे व्यक्ति की थी जिसने सीरिया में एक बम विस्फोट में एक पैर खो दिया था, अपने बेटे को एक पैर के साथ हवा में ले जा रहा था। उसका बच्चा एक बीमारी के कारण बिना हाथ पैर के पैदा हुआ था। यह तस्वीर पिछले साल तुर्की में ली गई थी। शुक्रवार को मुंजीर अल नेजेल और उनका बेटा मुस्तफा परिवार समेत इटली पहुंचे।

सिएना इंटरनेशनल फोटो अवार्ड्स के आयोजकों के काफी कोशिशों के बाद, उन्हें तुर्की से इटली लाया गया, यहां इस परिवार ने सीरिया से आकर शरण ली थी। 6 साल के मुस्तफा ने लंबी मुस्कान के साथ इटली जाने वाली फ्लाइट में चढ़ने से पहले कहा, 'हम आ रहे हैं, धन्यवाद'। मुस्तफा और उनके परिवार, उनकी मां एल नेज़ेल और 1 और 4 साल की दो छोटी बहनों ने एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया, जिसमें कहा गया था, 'वी लव इटालिया।' सभी अंकारा से इटली के लिए विमान में सवार हुए।

मेहमत ने फोटो को 'हार्डशिप ऑफ लाइफ' कहा। फोटो को पिछले साल सिएना अवार्ड्स में फोटो ऑफ द ईयर घोषित किया गया था।

फोटोग्राफर मेहमत ने इस फोटो को 'हार्डशिप ऑफ लाइफ' बताया
मुस्तफा और उनके पिता की तस्वीर जनवरी 2021 में तुर्की के फोटोग्राफर मेहमत असलान ने खींची थी, जिसमें दोनों को प्यार भरी मुस्कान के साथ देखा गया। मेहमत ने फोटो को 'हार्डशिप ऑफ लाइफ' कहा। फोटो को पिछले साल सिएना अवार्ड्स में फोटो ऑफ द ईयर घोषित किया गया था। मेहमत ने सीरिया-तुर्की सीमा पर हटे प्रांत के रेहानली में एक शरणार्थी बच्चे और उसके पिता की तस्वीर खींची थी।

2014 में मरने वालों की संख्या 1,91,369 थी, बाद में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त ने मरने वालो की संख्या का अपडेट देना बंद कर​ दिया

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के कार्यालय लंबे समय से सीरिया में मानवाधिकारों की स्थिति के बारे में वास्तविक जानकारी मिलने में कठिनाई की बात कहता रहा है। उसने 2014 की शुरुआत में सीरिया में युद्ध से मरने वालों की संख्या को अपडेट करना बंद कर दिया। उस दौरान मरने वालों की संख्या 1,91,369 था।

बाप-बेटे एसे हुए विकलांग
सीरियाई बाजार में हुए बम विस्फोट में पिता का पैर टूट गया। सीरिया में युद्ध के दौरान छोड़ी गई नर्व गैस से बच्चे की मां बीमार हो गई थी। इस दौरान उन्होंने जो दवाएं लीं, उससे बच्चे को जन्मजात विकार हुआ और वह शरीर के निचले हिस्से के बिना पैदा हुआ। इस तस्वीर और कहानी को लिंजी बिलिंग ने ट्विटर पर शेयर किया है। लिंज़ी एक फोटोग्राफर और खोजी पत्रकार हैं।

फोटो देख लोग भूले अपनी परेशानी

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'सुबह इस तस्वीर को देखकर एक दोस्त ने कहा कि अगर मैं फिर कभी किसी बात की कंप्लेन करूं तो मेरे मुंह पर जोर से मुक्का मार देना।' फोटो को देखकर लोगों का कुछ ऐसा ही रिएक्शन आया। एक यूजर ने लिखा, 'फिलहाल मैं बुरे दौर से गुजर रहा हूं लेकिन इस फोटो को देखने के बाद मैं अपने हालात से शिकायत नहीं करूंगा। कभी नहीँ।'

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