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कजाकिस्तान में बिगडे हालात , राष्ट्रपति भवन में लगाई आग , स्थिति संभालने को पहुंची रूसी सेना

Prabhat Chaturvedi

विरोध प्रदर्शन की आग में झुलस रहे कजाकिस्तान से भयावह तस्वीरें सामने आई हैं । कई दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद देश के सबसे बड़े शहर अलमत में मशीन गन की आवाजें सुनाई दीं अधिकारियों ने पुलिस और विरोध प्रदर्शनकारियों की मौत की पुष्टि की है ।

अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शनों के दौरान करीब 18 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई है। मशीनगन फायरिंग में दर्जनों प्रदर्शनकारी भी मारे गए हैं।

तेल कीमतों को लेकर शुरू हुआ था प्रदर्शन

कजाकिस्तान में तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, लेकिन बाद में प्रदर्शनकारियों ने कई राजनीतिक मुद्दों को भी इसमें शामिल कर लिया। राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट तोकायेव ने इसके लिए विदेशों में प्रशिक्षित "आतंकवादी गिरोह" को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, उन्होंने इसका कोई सबूत नहीं दिया है।

बुधवार को एक सरकारी न्यूज चैनल पर दिए गए इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने देश में बिगड़ते हालात के बीच सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) से सहयोग मांगा था । सीएसटीओ रूस और छह पूर्व सोवियत संघ राज्यों का एक सैन्य गठबंधन है।

रूसी आरआईए समाचार एजेंसी के अनुसार, कजाकिस्तान की मदद के लिए भेजे गए सेना में कथित तौर पर 2,500 सैनिक हैं। सीएसटीओ का कहना है कि यह एक शांति सेना है और देश और उसके सैन्य ठिकानों की रक्षा करेगी। यह सेना कई दिनों या हफ्तों तक देश में रहेगी।

दूसरी ओर, अमेरिका ने कहा है कि वह कजाकिस्तान में स्थिति की निगरानी कर रहा है और सरकार से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग करने की अपील करता है।

सरकारी अधिकारी की सिर कटी लाश मिली

रशियन न्यूज एजेंसी के मुताबिक कजाकिस्तान में कई सुरक्षा अधिकारियों को मौत के घाट उतार दिया गया है। एक अधिकारी का सिर कलम किया गया शव भी बरामद किया गया है। कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने अलमाटी और मांग्यताउ क्षेत्र में सामूहिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया है। वहीं, आपातकाल के दौरान हथियार, गोला-बारूद और शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. साथ ही वाहनों सहित आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

रूसी सैनिकों ने मोर्चा संभाला

मॉस्को के नेतृत्व में सैनिकों को प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए तैयार किया गया है। अब तक दर्जनों लोगों के मारे जाने की खबर है और सैकड़ों को जेल भेजा जा चुका है। कजाकिस्तान के ज्यादातर शहर गोलियों की आवाज से गूंज रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने कई सरकारी इमारतों पर कब्जा कर लिया है और सुरक्षा बल उन्हें बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। अलमाटी शहर की सड़कें जले हुए वाहनों से भरी पड़ी हैं। राष्ट्रपति भवन के चारों ओर कई सरकारी इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं और गोलियों के खाली गोले बिखरे हुए हैं।

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