<div class="paragraphs"><p>Abhay Kumar Singh</p></div>

Abhay Kumar Singh

 

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भारतीय मूल के Vladimir Putin की पार्टी से बिहारी विधायक अभय कुमार सिंह कौन हैं, जानिए क्यों वे रूसी हमले को सही ठहरा रहे हैं?

ChandraVeer Singh

ukraine russia crisis: रूस और यूक्रेन के बीच जारी वॉर के बीच भारतीय मूल के अभय कुमार सिंह (Abhay Kumar Singh ) चर्चा इन दिनों खूब हो रही है। दरअसल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) की पार्टी से विधायक अभय कुमार सिंह उस दौरान चर्चा में आए जब उन्होंने यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान को जायज ठहराते हुए समर्थन किया था। आपको बता दें कि दो दिन पहले ही अभय कुमार ने देश के एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था। इस दौरान उन्होंने रूसी सेना का खुल कर समर्थन किया था। इस दौरान सिंह ने कहा था कि पुतिन ने जो स्टेप लिया वेा बिल्कुल सही और वे बहुत अच्छे नेता हैं। बिहार के पटना जिले में जन्में अभय कुमार सिंह मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए रिशया गए थे। इस दौरान वे वहीं बस गए।

आइए हम आपको रूबरू कराते हैं कि आखिर अभय कुमार सिंह कौन हैं और रशिया में उनका राजनीतिक सफर कैसे शुरू हुआ।

बता दें कि अभय कुमार सिंह (Abhay Kumar Singh ) मेडिकल की पढ़ाई करने 17 साल की उम्र में रूस चले आए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार अभय कुमार सिंह ने पटना के लोयोला स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की और मेडिकल की पढ़ाई के लिए रूस चले गए। व्लादिमीर पुतिन को अपना हीरो बताने वाले अभय कुमार सिंह के पिता का निधन बचपन में ही हो गया था। अभय कुमार सिंह की विधायिकी क्षेत्र की बात करें तो वे रूस के कुर्स्क शहर से विधायक हैं। वे रूस में राजनीतिक शुरुआत करने से पहले से अपना व्यवसाय कर रहे थे।

Abhay Kumar Singh

उसी दौरान अभय कुमार सिंह राजनीति में आए और उन्होंने व्लादिमीर पुतिन की यूनाइटेड रशियन पार्टी से विधायक का चुनाव लड़ा। खास बात ये रही कि गैर मुल्क का होते हुए भी इस चुनाव में अभय कुमार सिंह ने जीत दर्ज की।

अभय कुमार सिंह (Abhay Kumar Singh ) पढ़ाई पूरी करने के बाद मेडिकल प्रैक्टिस करने के लिए बिहार के पटना लौट आए, लेकिन बाद में उन्होंने कुर्स्क शहर में ही बसने का फैसला कर लिया। राजनीतिक और व्यावसायिक संबंधों के कारण वे विधायक चुने जाने से पहले कुर्स्क में पावरफुल लोगों में गिने जाने लगे थे।

साल 2015 में अभय कुमार सिंह ने कुर्स्क में पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आयोजित किया। अभय कुमार सिंह ने कुछ इंटरव्यू में कहा है कि उन्होंने रूस में कभी भी बाहरी महसूस नहीं किया।

यूक्रेन के पीछे हैं अन्य ताकतें- अभय कुमार सिंह

वहीं मंगलवार को अभय कुमार सिंह ने रूस और यूक्रेन के युद्ध को लेकर प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि रूसी सेना भारतीयों को परेशान नहीं करेगी। उन्होंने कहा था कि पुतिन एक सुलझे हुए नेता हैं और अपने देश हित में जो वे कर रहे हैं वे बिल्कुल सहीं निर्णय है।

Abhay Kumar Singh

यूनाइटेड रशियन पार्टी के विधायक सिंह ने कहा था कि इस युद्ध में यूक्रेन के पीछे कई ताकतें शाामिल हैं। जोकि परमाणु संपन्न देश हैं। यदि उनसे हमें कोई खतरा महसूस होता है तब उन पर परमाणु हमला किया जाएगा। लेकिन हम यूक्रेन पर परमाणु का हमला नहीं करेंगे।

सिंह वर्तमान में रूस के कुर्स्क प्रांत में यूक्रेनी सीमा से सिर्फ 40 किमी दूर रहते हैं। उन्होंने कहा कि "हमारी रक्षा प्रणाली देश के अंदर अच्छी तरह से स्थित है। हमारे सशस्त्र बलों ने लगभग सभी जगहों पर मिसाइल-विरोधी सिस्टम और रडार सिस्टम स्थापित किए हैं। विशेष रूप से यूक्रेन के साथ सीमाओं में मिसाइलों के खतरों को कम करने के लिए यदि यूक्रेन या अमेरिका सहित पश्चिम के किसी अन्य देश द्वारा लॉन्च किया जाता है तो हम पश्चिम से किसी भी सैन्य कार्रवाई का सामना करने या उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार हैं। "
अभय कुमार सिंह, पुतिन की पार्टी से एमएलए

Abhay Kumar Singh

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ चल रहे विशेष सैन्य अभियानों के साथ-साथ पिछले अभियानों सहित हर मोर्चे पर पिन पॉइंट नीति बनाते हैं। उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने और देश के राष्ट्रपति बनने से पहले केजीबी में एक जासूस के रूप में काम किया। ऐसे में पिछले अनुभव हमेशा एक व्यक्ति को देश के हित में निर्णय लेने में मदद करते हैं
जैसा कि अभय कुमार सिंह ने आईएएनएस को रूसी राष्ट्रपति के बारे में पूछे जाने पर बताया

उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन के लोगों को पश्चिमी देशों की ओर से भड़काया गया है। व्लादिमीर पुतिन ने जंग का निर्णय नहीं लिया था। अभय कुमार सिंह ने कहा कि हमारे नेता (पुतिन) के फैसले का बड़े स्तर पर लोग समर्थन किया जा रहा है। हम यह नहीं कह सकते हैं कि किस नेता को 100% समर्थन मिले है, लेकिन बहुत सारे देश हमारे साथ हैं और हमारे फैसले का समर्थन कर रहे हैं।

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