डेस्क न्यूज़- चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया में अपने देश की बिगड़ती प्रतिष्ठा से चिंतित हैं। उन्होंने सरकारी मीडिया को देश की एक अच्छी तस्वीर दुनिया के सामने पेश करने के लिए अपनी क्षमता बढ़ाने का आदेश दिया है। जिनपिंग ने कहा कि उनके देश को अपने देश की कहानियों को वैश्विक दर्शकों को बताने के तरीके में सुधार करना चाहिए। दरअसल, कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में चीन को काफी नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं, बची खुची कसर चीन की विस्तारवादी नीतियों ने भरपाई कर दी है।
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने कहा कि जिनपिंग ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की एक अध्ययन बैठक में कहा कि हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने संदेशों को विश्व स्तर पर फैलाने की अपनी क्षमता में सुधार करें ताकि दुनिया के सामने सच्चे, सटीक और प्रभावी चीन को पेश किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि चीन को अपनी राष्ट्रीय ताकत और वैश्विक स्थिति से मेल खाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय आवाज विकसित करने की जरूरत है।
जिनपिंग ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी जिस तरह से यहां के लोगों को खुश करने की कोशिश करती है, इन सब बातों को विदेशी लोगों को बताने के लिए और प्रयास करने की जरूरत है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बारे में लोगों की समझ बढ़ाने के लिए प्रचार प्रयासों को मजबूत करने की भी आवश्यकता है। इसके लिए देश को पेशेवर और प्रशिक्षित लोगों की एक टीम बनाने और विभिन्न क्षेत्रों के लिए सटीक संचार विधियों को अपनाने की जरूरत है।
विदेशी मीडिया के साथ चीन के संबंध लंबे समय से तनावपूर्ण रहे हैं। कुछ महीने पहले ही चीन ने बीबीसी पर प्रतिबंध लगा दिया था। ग्लोबल टाइम्स जैसे चीनी राज्य मीडिया ने अक्सर विदेशी पत्रकारों पर पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग का आरोप लगाया है। फर्जी रिपोर्टिंग के आरोप में चीन कई बार विदेशी पत्रकारों को गिरफ्तार भी कर चुका है।
चीन ने फरवरी 2021 में बीबीसी वर्ल्ड सर्विस पर प्रतिबंध लगा दिया था। चीन के नेशनल रेडियो एंड टेलीविज़न एडमिनिस्ट्रेशन (NRTA) ने तब कहा था कि बीबीसी ने कोरोनावायरस और शिनजियांग को गलत बताया था। चीन ने कहा था कि बीबीसी की रिपोर्ट ने चीन के राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाया है और उसकी राष्ट्रीय एकता को कमजोर किया है। वहीं, कई विशेषज्ञों का कहना है कि चीन ने ब्रिटेन में सीजीटीएन पर प्रतिबंध के जवाब में बीबीसी पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है।