फोटो साभार-आज तक
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Bengal Violence; डरे हुए हिंदू नहीं लौट रहे वापस, कोई कुछ बोलने तक को नहीं है तैयार, पढ़े पूरा मामला...

Lokendra Singh Sainger

कोलकाता का खिदिरपुर जहां 8 व 9 अक्टूबर को मिलाद उन नबी और कोजागरी लक्ष्मी पूजा के मौके पर साम्प्रदायिक हिंसा घटित हुई थी। इस मुस्लिम बाहुल्य इलाके में करीब 15 प्रतिशत हिंदू रहते है। इस हिंसा के बाद वहां रहने वाले हिंदू इतने डरे हुए थे कि वे इस इलाके को छोड़कर भाग गये। कुछ वापस भी आये है तो हिंसा के बारे में मुंह खोलने तक को तैयार नहीं है। जबकि यह जगह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ऑफिस नबन्ना से करीब 7 किमी दूर है।

मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद NIA जांच कर रही है।

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, खिदिरपुर में आने वाले मोमिनपुर और इकबालपुर में सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी। इसका सेंटर कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMRI) स्टॉपेज से मयूरभंज के बीच का इलाका था। इस हिंसा में सबसे ज्यादा शिकार हिंदू हुए है। किसी का घर जला दिया गया तो किसी के घर में तोड़फोड़ हुई। किसी की बाइक तोड़ दी गईं।

इतना होने के बावजूद भी हिंदू इतने डरे हुए है कि कुछ बोलने तक को तैयार नहीं है। इस इलाके में फोटो और वीडियो तक लेना मना है। ममता सरकार ने मामला दबाने के लिए पूरे इलाके में कोलकाता पुलिस की रैपिड एक्शन फोर्स तैनात की हुई है जिससे की कोई फोटो ना ले सके, उसे सोशल मीडिया पर न डाल पाये।

क्या है पूरा मामला

रवि कुमार और शंभू कुमार ने पत्रकारों को बताया कि वो लोग वार्ड नंबर 13 में रहते हैं। जहाँ उनके जानने वाले 4-5 हिंदू परिवार अब तक घर नहीं लौटे है। 9 अक्टूबर को कोजागरी लक्ष्मी पूजा थी। तभी, हिंदुओं के घरों पर अचानक हमला किया गया। वो लोग कौन थे, ये किसी को नहीं पता चला। बस ये पता था कि वो दूसरे समुदाय के थे।

स्थानीयों ने बताया कि हिंसा के दौरान बिजली चली गई थी। न पुलिस आ रही थी और न बिजली। लोग गाड़ी तोड़ रहे थे। गोले फेंके जा रहे थे। बम की आवाज आ रही थी। हालत ऐसी थी कि डर से घर छोड़ गए और अब तक नहीं लौटे। जिनके घर जले उन्होंने दिवाली तक नहीं मनाई। फिलहाल इलाके में पुलिस तैनात है। कैंप लगे  हुए हैं। कुछ जवान यहां यूनिफॉर्म में घूमते हैं कुछ सादे कपड़ो में।

नेशनल बॉक्सर मेहराजुद्दीन अहमद ने कहा कि एक भाजपा नेता ने नबी का फ्लैग खींचा था जिससे हिंसा भड़की। वहीं भाजपा का कहना है कि वो जब हिंसा के बाद इलाके में जाना चाहते थे तो उन्हें रोका गया। पुलिस बताती है कि पहले मयूरभंज और भूकैलाश रोड पर हिंसा हुई फिर इकबाल पुर स्टेशन को घेरा गया। मामले की जाँच में उन्हें कई बम और हथियार मिले। सरकार ने एसआईटी बनाई। 63 लोग गिरफ्तार हुए।

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