साभार- संसद टीवी
साभार- संसद टीवी 
Nation

राहुल के भारतीय सेना के पिटाई वाले बयान पर विदेश मंत्री का पलटवार- नहीं करें जवानों का अपमान

Om prakash Napit

भारतीय सेना की तवांग में चीनी सेना के साथ हुई झड़प के बाद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दो टूक जवाब दिया है। उन्होंने सोमवार को लोकसभा में कहा कि राजनीतिक आलोचनाओं का हमेशा स्वागत है, लेकिन हमें अपने जवानों का अपमान नहीं करना चाहिए।

मीडिया के मुताबिक, एस जयशंकर ने कहा कि, 'मैंने सुना है कि विदेश मंत्री के तौर पर मुझे अपनी समझ को और गहरा करने की जरूरत है। गौरतलब है कि जो नेता मुझे यह सलाह दे रहे हैं, उस नेता के सम्मान में मैं नतमस्तक ही हो सकता हूं।'

साभार- एएनआई

दरअसल, कुछ दिन पहले भारत जोड़ो यात्रा के 100 दिन पूरे होने के मौके पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश मंत्री एस जयशंकर से तवांग में चीनी और भारतीय सेना के बीच हुई झड़प के मामले पर अपनी समझ और बढ़ाने को कहा था। जयशंकर ने आगे कहा कि हमारे जवानों के लिए 'पिटाई' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

इसके अलावा उन्होंने लोकसभा में आगे बताया कि श्रीलंका से 2014 से अब तक 2,835 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जा चुका है। पीएम मोदी ने तमिल मछुआरों की समस्याओं पर ध्यान दिया है।

तवांग झड़प पर यह था राहुल का बयान

जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रांहुल गांधी ने हाल ही में हुई तवांग झड़प को लेकर मोदी सरकार पर करारा हमला बोला था। राहुल ने कहा था कि चीन का जो खतरा है, सरकार उसे छुपाने की कोशिश कर रही है। राहुल ने कहा कि चीन की पूरी आक्रामक तैयारी चल रही है, लेकिन हिंदुस्तान की सरकार सोई हुई है। राहुल ने कहा कि चीन की तैयारी युद्ध की है। वह युद्ध की तैयारी कर रहा है, लेकिन हमारी सरकार इसे स्वीकार नहीं कर रही है, इस तथ्य को छुपा रही है। चीन सिर्फ घुसपैठ की नहीं, बल्कि युद्ध की तैयारी कर रहा है।

Lok Sabha Election 2024 3rd Phase Voting: 11 राज्यों की 93 सीटों पर चल रहा मतदान, असम में 63.8 प्रतिशत हुआ मतदान

अगर आप भी करते हैं केले का सेवन तो जान ले फायदे और नुकसान

Alia Bhatt: मेट गाला 2024 में छाया आलिया देसी लुक, देखें Photos

Radhika Khera: शराब ऑफर करते, अश्लील हरकतें करते… राधिका खेड़ा के कांग्रेस नेताओं पर सनसनीखेज आरोप

Rahul Statement: राहुल गांधी पर कानूनी कार्रवाई की मांग, 200 वाइस चांसलरों और शिक्षाविदों ने लिखी खुली चिट्ठी