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Indian Air Force: बेडे़ में शामिल हुआ प्रचंड हेलीकॉप्टर, कारगिल युद्ध में हुई थी कमी महसूस

भारतीय वायुसेना को स्वदेशी रूप से विकसित 10 (एलसीएच) हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की मौजूदगी में वायुसेना में शामिल कर लिया गया है। इस दौरान राजनाथ सिंह ने एलसीएच को दो दशकों का अनुसंधान और विकास का परिणाम बताया।

Lokendra Singh Sainger

भारतीय वायु सेना को सोमवार को एक नई ताकत मिल गई है। भारतीय वायु सेना में लड़ाकू कौशल को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी रूप से विकसित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर के पहले बैच को शामिल किया गया है। पहले बैच में भारतीय वायुसेना को 10 हेलीकॉप्टर मिले हैं। स्वदेशी रूप से निर्मित हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों को जोधपुर में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी मौजूद रहे।

बेड़े में शामिल होने के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर (एलसीएच) दुश्मन को चकमा देने, कई तरह के गोला-बारूद ले जाने और घटना स्थल पर तुरंत पहुंचाने में सक्षम है। एलसीएच विभिन्न क्षेत्रों में हमारे सशस्त्र बलों की जरूरतों को पूरा करते हैं। यह हमारी सेना और वायु सेना दोनों के लिए एक आदर्श प्लेटफॉर्म है।

एलसीएच दो दशकों के अनुसंधान और विकास का परिणाम: राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि लंबे समय से हमलावर हेलीकॉप्टरों की जरूरत थी। 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान इसकी आवश्यकता को गंभीरता से महसूस किया गया था। एलसीएच दो दशकों के अनुसंधान और विकास का परिणाम है। भारतीय वायु सेना में उनका शामिल होना रक्षा उत्पादन में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

वहीं, रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया कि इन हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से भारतीय वायु सेना की युद्धक क्षमता को काफी बढ़ावा मिलेगा।

राजनाथ सिंह और वायुसेना प्रमुख मौजूद रहे

एलसीएच हेलीकॉप्टर हवाई युद्ध करने में सक्षम है और संघर्ष के दौरान धीमी गति से चलने वाले विमान, ड्रोन और बख्तरबंद टैंकरों से निपटने में वायु सेना की सहायता करेगा। समारोह का नेतृत्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस दौरान एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी भी मौजूद रहे।

3,887 करोड़ की लागत से विकसित किए गए 15 स्वदेशी एलसीएच

इस साल मार्च में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी ने 3,887 करोड़ रुपये में 15 स्वदेशी रूप से विकसित एलसीएच की खरीद को मंजूरी दी थी। इन 15 हेलीकॉप्टरों में से 10 भारतीय वायु सेना के लिए और 5 सेना के लिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि यह हथियारों और ईंधन के साथ 5,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकता है।

लद्दाख और रेगिस्तानी इलाकों में होगी तैनाती

इन हेलीकॉप्टरों को राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित किया गया है और इन्हें मुख्य रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लद्दाख और रेगिस्तानी क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हेलीकॉप्टर तैनात किए जाएंगे। भारतीय वायु सेना ने पिछले तीन-चार वर्षों में चिनूक, अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर और अब एलसीएच को शामिल करके कई हेलीकॉप्टरों को शामिल किया है।

गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना अब चिनूक हेलीकॉप्टरों में भी महिला पायलटों को तैनात कर रही है, जो उत्तरी और पूर्वी सीमाओं पर नियमित आपूर्ति मिशन को अंजाम दे रहे हैं। लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर लिमिटेड सीरीज प्रोडक्शन (एलएसपी) एक स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित अत्याधुनिक आधुनिक लड़ाकू हेलीकॉप्टर है।

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