राष्ट्रीय

Adani Group: अडानी बहाना...क्या भारत की अर्थव्यवस्था है निशाना? जानें पूरा मामला

Om prakash Napit

कुछ हाइलाइट्स

  • दशकों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी रहे हैं उद्योगपति गौतम अडानी।

  • ग्‍लोबल ग्रोथ इंजन के तौर पर भारत की विश्‍वसनीयता पर उठने लगे हैं सवाल।

  • ब्‍लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्‍स में 2 नंबर से फ‍िसलकर कई पायदान नीचे पहुंचे अडानी।

Adani Group: हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट ने आसमान छूने को बेताब ग्रुप और इसके मुखिया गौतम अडानी के होश फाख्‍ता कर दिए। महज 10 दिनों में सबकुछ अचानक बदल गया। हिंडनबर्ग रिसर्च की इस रिपोर्ट में ग्रुप पर बड़े आरोप लगे। मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर अकाउंटिंग फ्रॉड तक। ग्रुप के भारी-भरकम कर्ज के बारे में पहले से ही चिंता जताई जाती थी। कई और बातों को लेकर भी सुगबुगाहट थी। लेकिन, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने इस सुगबुगाहट को घरेलू से अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहुंचा दिया।

जो अडानी ब्‍लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्‍स में 2 नंबर पर थे, वह कुछ ही दिनों में खिसककर 21वें पायदान पर पहुंच गए। अडानी समूह कोई मामूली ग्रुप नहीं है। एयरपोर्ट, पावर प्‍लांट से लेकर बंदरगाहों तक इसका निवेश है। कह सकते हैं कि यह ग्रुप देश के दिल की धड़कन है। देश में आने और यहां से बाहर जाने वाले तमाम सामान इस ग्रुप को छूते हुए निकलते हैं। दशकों से गौतम अडानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी रहे हैं।

अडानी उन कुछ उद्योगपतियों में शुमार हैं जो मोदी सरकार के ग्रोथ एजेंडे को आगे ले जाने में उनका हमसाया बने हुए हैं। यह और बात है कि इन आरोपों से निवेशकों का भरोसा डिगा है। सिर्फ अडानी ग्रुप ही नहीं, इसकी जद में भारतीय बाजार और पूरा सिस्‍टम आता है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के दावों की जांच होने बाकी है। लेकिन, पहले ही इसने बहुत बड़ा नुकसान कर दिया है। सबसे बड़ा नुकसान 'विश्‍वसनीयता' को हुआ है।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के पीछे क्या यह है वजह?

  1. इस समय पूरे विश्व में भारत हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, जो अमेरिका, ब्रिटेन जैसे विकसित देशों को खल रहा है।

  2. पीएम मोदी की छवि वैश्चिक स्तर पर नंबर वन की है। हाल ही में अमेरिका की चर्चित सर्वेक्षण एजेंसी के ताजा सर्वे में पीएम मोदी को 22 देशों के नेताओं में पहला स्‍थान मिला है।

  3. पीएम मोदी की विदेश नीति की बदौलत पूरे विश्व में भारत के मित्र देश की संख्या में खासा इजाफा हुआ है।

  4. हाल ही में BBC ने गुजरात दंगों पर डाक्यूमेंट्री जारी की थी, जिसके माध्यम से पीएम मोदी को टारगेट किया गया। यह सभी जानते हैं कि BBC अक्सर भारत विरोधी खबरें चलता है। उसकी खबरों में मोदी की केंद्र सरकार को निशाना बनाया जाता रहा है।

  5. इस समय पूरे विश्व में आर्थिक मंदी का माहौल है। हमारे पड़ौसी देश श्रीलंका, पाकिस्तान तो बुरी तरह कंगाली के कगार पर हैं, जबकि भारत की आर्थिक स्थिति काफी सुदृढ़ है। यह बात भारत विरोधी ताकतों को नागवार लग रही है।

  6. व्यवसायी अडानी गुजरात से हैं और पीएम मोदी भी गुजरात से हैं। ऐसे में कांग्रेस मोदी पर अडानी ग्रुप को फायदा पहुंचाने का आरोप जड़ती रहती है।

रिपोर्ट ने हिलाया निवेशकों का भरोसा

अमेरिका की छोटी सी कंपनी की रिपोर्ट ने विशालकाय अडानी ग्रुप को लेकर शक पैदा कर दिया है। अपनी 100 पेज की रिपोर्ट से हिंडनबर्ग ने निवेशकों का भरोसा हिला दिया है। अडानी ग्रुप के शेयरों की पिटाई इसका सबूत है। यह बात सिर्फ अडानी ग्रुप तक नहीं सीमित है। देश का रेगुलेटरी फ्रेमवर्क भी शक के घेरे में आ गया है। विदेशी निवेशकों के मन में ढेरों सवाल हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप की मार्केट वैल्‍यू को 100 अरब डॉलर से ज्‍यादा का चूना लग चुका है।

मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर फ्रॉड तक के आरोप

हिंडनबर्ग ने बहुत से आरोप लगाए हैं। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर फ्रॉड तक शामिल हैं। अडानी ग्रुप की तेज ग्रोथ को उसने कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। खुद अडानी ने टीवी पर सामने आकर निवेशकों के डर को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं। बैलेंसशीट भी हेल्‍दी है। अपने एफपीओ टालने के फैसले के बाद वह सामने आए थे।

संविधान में मुसलमानों को क्यों नहीं मिला आरक्षण, वजह जानकर चौंक जाएंगे आप

कौन है कांग्रेस के चाणक्य, जो अमेठी में स्मृति ईरानी को देंगे टक्कर

क्या आपको भी किसी चीज को छूने से लगता है करंट, तो जान लें वजह

World Press Freedom Day - क्यों मनाया जाता है विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस? क्यों है ये इतना खास

आज ही के दिन शुरू हुआ कारगिल युद्ध, 68 दिनों के जंग में सैकड़ों जवान हुए शहीद