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Bhagwat Statement: मुस्लिमों को सीख कांग्रेस को नागवार! सिब्बल को क्यों चुभा RSS प्रमुख का सुझाव?

Om prakash Napit

Bhagwat Statement: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) को कट्‌ट दुश्मन मानने वाले कांग्रेसियों को संघ पदाधिकारियों की ओर से दिया गया कोई भी बयान या सुझाव रास नहीं आता फिर चाहे वह हिंदू या हिंदुत्व की बात हो या मुस्लिम चरमपंथियों की कट्‌टरता पर प्रहार। तुष्टीकरण की राजनीति करने के चक्कर में कांग्रेसी हिंदू विरोधी बयान दे सकते हैं, लेकिन मुस्लिम चरमपंथियों की हर बात का समर्थन कांग्रेस को रास आता है।

हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि “मुसलमानों को खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी छोड़ देनी चाहिए।, भागवत ने कहा, जब तक हिंदू है, शांति की गारंटी है। मुसलमानों को इस देश में कोई खतरा नहीं है।”

मोहन भागवत ने इसमें ऐसा कुछ नहीं कहा जो किसी को भी गलत लगे, लेकिन इस पर भी कांग्रेस को आपत्ति हो गई। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस पर भी तंज कसते हुए भागवत को सीख दे दी कि ‘इंसान को इंसान ही रहना चाहिए’। इतना ही नहीं असदुद्दीन ओवैसी को भी इसमें खामी नजर आ गई। भागवत के बयान से खफा ओवैसी ने कहा, मुसलमानों पर शर्तें लगाने वाले भागवत कौन?

पढ़े मोहन भागवत का पूरा बयान...

'मुसलमानों को श्रेष्ठता का बोध छोड़ना होगा'

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को ‘ऑर्गेनाइजर’ और ‘पांचजन्य’ को दिए एक इंटरव्यू के दौरान कहा था, “सीधी सी बात है हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रह रहे मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है...इस्लाम को कोई खतरा नहीं है। लेकिन मुसलमानों को खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी छोड़ देनी चाहिए।”

उन्होंने कहा, “हम एक महान नस्ल के हैं, हमने एक दौर में इस देश पर राज किया था और हम फिर से उस पर राज करेंगे। सिर्फ हमारा रास्ता सही है, बाकी सब गलत हैं। हम अलग हैं, इसलिए हम ऐसे ही रहेंगे। हम साथ मिलकर नहीं रह सकते..; मुसलमानों को इस अवधारणा को छोड़ देना चाहिए। यहां रहने वाले सभी लोगों को, चाहे वे हिंदू हों या वामपंथी, इस भाव को त्याग देना चाहिए।”

'जब तक हिंदू है, शांति की गारंटी है'

बता दें कि भागवत द्वारा दिया गया बयान इस साल का पहला बड़ा बयान है। इस बयान को संघ के अब तक के काम और आने वाले वक्त की दिशा तय करने वाला बताया जा रहा है। मोहन भागवत ने संघ के मुखपत्र पांचजन्य और ऑर्गनाइजर को दिए इंटरव्यू में खुलकर बात की। भागवत ने मुसलमानों पर बात की, एलजीबीटी जैसे संवेदनशील मुद्दे पर भी संघ का दृष्टिकोण सामने रखा। इस इंटरव्यू में भागवत ने साफ साफ कहा कि जब तक हिंदू है, शांति की गारंटी है।

'हिन्दू अब जागृत हो गया है'

भागवत ने कहा, ‘हमारी राजनीतिक स्वतंत्रता को छेड़ने की ताकत अब किसी में नहीं है। इस देश में हिन्दू रहेगा, हिन्दू जायेगा नहीं, यह अब निश्वित हो गया है। हिन्दू अब जागृत हो गया है। इसका उपयोग करके हमें अंदर की लड़ाई में विजय प्राप्त करना और हमारे पास जो समाधान है, उसे प्रस्तुत करना है।

‘इंसान को इंसान ही रहना चाहिए’ : सिब्बल

राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत की ‘हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहना चाहिए’ टिप्पणी पर तंज कसते हुए बुधवार को ट्वीट किया, “भागवत : हिंदुस्तान को हिंदुस्तान रहना चाहिए। सहमत हूं। लेकिन, इंसान को इंसान रहना चाहिए।” भागवत ने कहा था कि भारत में मुसलमानों के लिए डरने की कोई वजह नहीं है, लेकिन उन्हें ‘खुद को सर्वश्रेष्ठ बताने वाली गलत बयानबाजी’ से परहेज करना होगा।

मुसलमानों पर शर्तें लगाने वाले भागवत कौन : ओवैसी

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि मुसलमानों को ‘हम बड़े हैं’ का भाव छोड़ना होगा। भागवत के इस बयान को लेकर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को भारत में रहने या हमारे धर्म का पालन करने की परमिशन देने वाले मोहन भागवत कौन होते हैं? हम भारतीय हैं क्योंकि अल्लाह ने चाहा है। उन्होंने हमारी नागरिकता पर शर्तें लगाने की हिम्मत कैसे की? हम यहां अपने विश्वास को समायोजित करने या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं।

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