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Bharat Jodo Yatra: 'यात्रा में टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग हुए शामिल', BJP ने यात्रा पर क्यों उठाए सवाल?

Om prakash Napit

Bharat Jodo Yatra: कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा आज सोमवार (30 जनवरी, 2022) को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में समाप्त हो गई। यात्रा समाप्त होने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोलते हुए इस पर तीखे सवाल उठाए। बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी की यह यात्रा फेल रही और यात्रा भारत जोड़ो नहीं भारत तोड़ो साबित हुई है।

उन्होंने कहा कि इस यात्रा में टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, "राजनैतिक उद्देश्य ये प्रेरित 'भारत जोड़ो' यात्रा केरल से शुरू हुई, जहां कांग्रेस के नेता यात्रा के सहभागी बने, जिन्होंने सड़क पर बीफ पार्टी की थी, फिर पादरी जॉर्ज पुनिया यात्रा के सहभागी बने, जिन्होंने कहा था कि वे भारत की धरती को अपवित्र मानते हैं।"

Since Independence की इस रिपोर्ट में जानें बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर क्यों प्रश्न उठाए? सुधांशु त्रिवेदी ने आखिर क्यों कहा कि यात्रा में टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग भी शामिल हुए? निम्न बिंदुओं से जानें यात्रा क्यों रही सुर्खियों में?

जानें इस रिपोर्ट के मुख्य बिंदु

  • भारत जोड़ो यात्रा शुरुआत से अंत तक विवादों में रही और मीडिया की सुर्खियां बनीं।

  • कन्हैया कुमार, एक्ट्रेस स्वरा भास्कर, पूजा भट्ट, कमल हासन जैसे विवादित चेहरे यात्रा में शामिल हुए।

  • केरल से शुरुआत की विवादों से हुई। पादरी जॉर्ज पुनिया ने विवादित बयान दिया।

  • फारुख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती जैसे अलगाववादी नेताओं ने यात्रा को समर्थन दिया।

  • यात्रा के दौरान दिव्या मदेरणा समेत कई युवतियों संग राहुल के फोटो वायरल हुए, जिनमें वे किसी को किस करते तो किसी के साथ गलबांहियां करते दिखे।

  • यात्रा के दौरान ही एक बार फिर सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर प्रश्न उठाकर सबूत मांगे गए।

  • राहुल ने श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराया, जहां तिरंगे से ऊंचा राहुल का कटआउट लगाया गया था।

जानें क्या क्या कहा सुधांशु त्रिवेदी ने

बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह वही कश्मीर जिसके एकीकरण के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। यह वही कश्मीर है जहां 1988 से 1998 के दौर में वहां के राज्यपाल तक तिरंगा झंडा नहीं फहरा सकते थे। आज अगर राहुल गांधी कश्मीर में झंडा फहराने में सफल हो रहे हैं तो सिर्फ इसलिए क्योंकि हमारे संयोजक ने अपने प्राण त्यागे और हमारे प्रधानमंत्री ने अगस्त 2019 में कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाया।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा के स्थाई साथी कन्हैया कुमार जिनका संबंध टुकड़े-टुकड़े गैंग से रहा। जब ये यात्रा कश्मीर के नजदीक पहुंचती है तब यात्रा के संयोजक दिग्विजय सिंह सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल करते हैं। नफरती जहरबुझे सामानों को लेकर कौन सी मोहब्बत का अभियान चला रहे थे राहुल गांधी?

'सेना के सम्मान और वीरता पर उठाए सवाल'

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी की इस यात्रा के दौरान सेना के सम्मान और वीरता पर सवाल उठाए गए। पाकिस्तान में घुसकर जो सर्जिकल स्ट्राइक की गई, उस पर सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि यह पूरी यात्रा विवादों से भरी रही। जैसे-जैसे यह यात्रा राज्य दर राज्य जैसे आगे बढ़ती रही, वैसे-वैसे इसमें नए विवाद जुड़ते रहे। उन्होंने कहा कि आज जहां कांग्रेस की यह भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हुई वह कभी हिंसा और आतंकवाद का प्रतिक माना जाता था और कश्मीर की यह हालात कांग्रेस सरकार के दौरान हुई थी।

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