भारत में राजनीतिक पार्टीयों को कितना चंदा मिलता है इसे लेकर हमेशा से अफवाहें रही है लेकिन एसोसिशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट से ये बात साफ जाहिर होती है कि देश में बीजेपी सबसे धनवान पार्टी है. 2019-20 में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दलों की संपत्ति और देनदारी पर अपने विश्लेषण के आधार पर एसोसिशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट सार्वजनिक की है. विश्लेषण के अनुसार, इस दौरान 7 राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल संपत्ति 6,988.57 करोड़ रुपये और 2,129.38 करोड़ रुपये थी।
एडीआर की रिपोर्टसात राष्ट्रीय दलों में सबसे ज्यादा संपति भाजपा (4847.78 करोड़ रुपये या 69.37 प्रतिशत), बसपा (698.33 करोड़ रुपये या 9.99 प्रतिशत) और कांग्रेस (588.16 करोड़ या 8.42 प्रतिशत) द्वारा ऐलान किया गया है. वहीं पर 44 क्षेत्रीय दलों में से टॉप 10 पार्टियों की संपत्ति 2028.715 करोड़ रुपये बताई है, जो सभी द्वारा घोषित राशि का 95.27 प्रतिशत थी.
क्षेत्रीय दलों की बात करें तो सपा सबसे अधिक अमीर पार्टी है. जिसकी कुल संपति 563.47 करोड़ रुपये (26.46 प्रतिशत) घोषित की गई. वहीं बाद में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने 301.47 करोड़ रुपये और अन्नाद्रमुक ने 267.61 करोड़ रुपये की संपत्ति का ऐलान किया है.
सात राष्ट्रीय और 44 क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल देनदारी 134.93 करोड़ रुपये की है. संस्था के अनुसार, " राष्ट्रीय पॉलिटिकल पार्टियों ने साल 2019-20 में 74.27 करोड़ रुपये की कुल देनदारियों का ऐलान किया था. वहीं राष्ट्रीय दलों ने उधार के तहत 4.26 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के पर 70.01 करोड़ रुपये का ऐलान किया था. इसमें कांग्रेस ने 49.55 करोड़ (66.72 प्रतिशत) रुपये के साथ सबसे ज्यादा देनदारियों की घोषणा की. इसके बाद एआईटीसी ने 11.32 करोड़ रुपये (15.24 प्रतिशत) का ऐलान किया था. क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने कुल मिलाकर 60.66 करोड़ रुपये की देनदारी घोषित की।"
वहीं, क्षेत्रीय दलों ने उधार के तहत 30.29 करोड़ रुपये और अन्य देनदारियों के तहत 30.37 करोड़ रुपये का ऐलान किया. वहीं TDP ने 30.342 करोड़ रुपये (50.02 प्रतिशत) के साथ उच्चतम देनदारी और डीएमके ने 8.05 करोड़ रुपये (13.27 प्रति) घोषित किया।
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