बजट 2022: सरकार ने ऊर्जा परिवर्तन एवं जलवायु परिवर्तन पर उठाया ठोस कदम

 
राष्ट्रीय

बजट 2022: सरकार ने ऊर्जा परिवर्तन एवं जलवायु परिवर्तन पर उठाया ठोस कदम

संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृत काल के दौरान ऊर्जा परिवर्तन एवं जलवायु परिवर्तन पर ठोस कदम उठाने को बढ़ावा देने पर जोर दिया और इसे आगे बढ़ाने के लिए देश की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक के रूप में रखा।

Deepak Kumawat

संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृत काल के दौरान ऊर्जा परिवर्तन एवं जलवायु परिवर्तन पर ठोस कदम उठाने को बढ़ावा देने पर जोर दिया और इसे आगे बढ़ाने के लिए देश की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक के रूप में रखा।

“भारत में अभिनव और सतत विकास की दिशा में एक कदम”
बजट में कुछ खास बात भी कही गई. बजट में बिजली और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र पर बोलते हुए केंद्रीय बिजली और MNRE मंत्री आर.के.सिंह ने कहा, “2022 के आत्मनिर्भर भारत के बजट ने भारत के लिए खाका तैयार किया है। अमृत काल, बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण, कृषि, वित्तीय प्रबंधन, प्रौद्योगिकी और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों को कवर करता है। बजट-2022 हमारी ऊर्जा परिवर्तन की यात्रा को मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए नए भारत में अभिनव और सतत विकास की दिशा में एक कदम है।”

जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए कदम

केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद को संबोधित किया फिर कहा, “जलवायु परिवर्तन के जोखिम भारत और अन्य देशों को प्रभावित करने वाली सबसे मजबूत नकारात्मक पहलू हैं।” उन्होंने सतत विकास के प्रति हमारी सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता के एक महत्वपूर्ण प्रतिबिंब के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित निम्न कार्बन विकास रणनीति को फिर से दोहराया। यह रणनीति रोजगार के बड़े अवसर खोलती है और बजट इस संबंध में कई निकट-अवधि और दीर्घकालिक कार्यों का प्रस्ताव करता है।

19,500 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन

बजट में उच्च दक्षता मॉड्यूल के निर्माण के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन के लिए 19,500 करोड़ रुपए के अतिरिक्त आवंटन का प्रस्ताव किया गया है। यह 2030 तक 280 गीगावाट स्थापित सौर क्षमता के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आवश्यक घरेलू विनिर्माण को भी सुनिश्चित करेगा।

ग्रीन बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव
2022-23 में केंद्र सरकार के समग्र बाजार उधार के हिस्से के रूप में सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड (हरित बॉन्ड) जारी किए जाएंगे। इनका मकसद हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाना होगा। उनसे होने वाली आय को उन सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लगाया जाएगा जो अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को कम करने में मदद करती हैं।

पर्यावरण विशेषज्ञ कर रहे जमकर तारीफ

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पर्यावरण विशेषज्ञों ने हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बदली ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के वास्ते 2022-23 के केंद्रीय बजट में हरित बॉन्ड (सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड) जारी करने के सरकार के प्रस्ताव की प्रशंसा की है। इस संबंध में विशेषज्ञों ने कहा है कि इस पहल से भारत में कार्बन उत्सर्जन में कटौती में मदद मिलेगी।

विशेषज्ञों ने मंगलवार को जारी बजट में सतत शहरी नियोजन और जन परिवहन पर ध्यान केंद्रित किए जाने को लेकर भी सरकार की काफी सराहना की। उन्होंने कहा है कि शहरी योजनाकर्ताओं, अर्थशास्त्रियों और क्षमता निर्माण के लिए संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव वाकयी स्वागत योग्य कदम है। गौरतलब हो, भारत अब उन चुनिंदा देशों, खासकर यूरोपीय देशों के समूह में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने इस तरह के बॉन्ड जारी किए हैं।

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